गोपालगंज : हरित चादर योजना के लिए आवंटित ढैंचे के बीज को कालाबाजार में बेच दिये जाने के मामले में अनुमंडल पदाधिकारी रेयाज अहमद खां पूरे रिकॉर्ड को खंगालने में जुटे हुए हैं.
रिकॉर्ड जांच के दौरान कई तथ्य उभर कर सामने आये हैं, जिससे कृषि विभाग के अधिकारियों की नींद हराम हो गयी है. उधर, कालाबाजारी में बेचे गये ढैंचे के बीज को कागज में मेंटेन करने का काम प्रखंड कृषि पदाधिकारी के स्तर पर किया जा रहा है. सभी पंचायतों के किसान सलाहकारों के नाम बीज का आवंटन किया जा रहा है. उनसे अब किसानों की सूची मांगी जायेगी.
महीनों पूर्व के डेट में यह गोरखधंधा किया गया है. किसान सलाहकार सांसत में पड़े हुए हैं कि किन किसानों के नाम ढैंचे का बीज वितरण को दिखाएं. कहीं, जांच अधिकारी उन किसानों के खेत में ढैचा देखने पहुंच गये तो उनका क्या होगा. किसान सलाहकार के सामने एक तरफ जांच का भय सता रहा है तो दूसरी तरफ बीएओ द्वारा दी गयी चेतावनी उनकी बेचैनी को बढ़ा दी है. आखिर वे करें तो क्या.
जब सभी प्रखंडों में बीज महज 30 से 35 किलो बंटा तो गोपालगंज में सौ फीसदी कैसे बंटा. ध्यान रहे कि अधिकारियों ने गत शुक्रवार को गोपालगंज सदर, मांझा, बरौली प्रखंड में कृषि विभाग की वितरण पंजी तथा आवंटन पंजी जैसे आवश्यक रिकॉर्ड को जब्त कर लिया है.
अनुमंडल पदाधिकारी रेयाज अहमद खां के आदेश पर सभी प्रखंडों के अंचल पदाधिकारियों ने रिकॉर्ड को जब्त किया. जब्त रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई में प्रशासन जुटा है. अधिकारियों को गोपनीय खबर मिली कि सदर प्रखंड के गोदाम में रखा हुआ ढैंचे के बीज को कालाबाजार में गुरुवार की रात में बेच दिया गया. यहां कुल 132 क्विंटल ढैंचे के बीज का आवंटन हुआ था.
महज 30-40 क्विंटल ढैंचे के बीज वितरण हो सका था. शेष बीज गोदाम में था, जहां से बेच दिया गया. यह मामला सामने आते ही कार्रवाई की गयी है. उधर, हाइब्रिड धान के लिए किसानों को दिये जाने वाले प्रति किलो दो रुपये के अनुदान में भी बड़े पैमाने पर किसानों के फर्जी कागजात जमा कर अनुदान की राशि में बंदरबांट करने की जांच अधिकारी कर रहे हैं.