गोपालगंज : गोपालपुर थाना क्षेत्र का अहिरौली गांव. डेढ़ दशक से शराब के अवैध कारोबार के लिए नामचीन है. शराब के अवैध कारोबार का माफिया मुख्तार सिंह का भाई नयन सिंह है. नयन सिंह उत्पाद विभाग और पुलिस को मैनेज कर अपने कारोबार को अंजाम देता रहा. मुख्तार सिंह इस कारोबार को संचालित करता था. एक दशक में दोनों करोड़पति बन चुके थे.
मुख्तार सिंह इलाके कई लोगों को शराब पिला कर अपने साथ रखता था. अहिरौली गांव में प्रतिदिन टैंकर से स्पिरिट मंगा कर पाउच तैयार किया जाता था तथा उसकी सप्लाइ इलाके की अवैध शराब दुकानों पर की जाती थी. कटेया, विजयीपुर, भोरे, फुलवरिया, कुचायकोट तथा यूपी के विभिन्न इलाकों में इसका कारोबार फैला था. गांव के लोगों की मानें, तो मुख्तार सिंह से फुलवरिया थाना क्षेत्र के लाड़पुर गांव निवासी 22 वर्षीय अली शेर शराब लेकर बेचता था. पिछले एक माह से उसने शराब लेना बंद कर दिया था.
इस बीच मुख्तार को सूचना मिली कि जमुनहां में अली शेर अपने एक साथी के साथ घूम रहा है. अपना बकाया पैसा वसूलने के लिए मुख्तार अपने साथ रामपुर गांव के 30 वर्षीय विजय मांझी तथा अपने पड़ोसी रामाधार सिंह को अपनी बाइक पर बैठा लिया, जबकि कटेया के निमुईयां गांव के दारोगा गुप्ता एवं नयन सिंह बोलेरो में सवार होकर छितौना हाइस्कूल के पास पहुंच गये.
वहां बाइक पर अली शेर अपने दोस्त अजीत रावत के साथ जमुनहां की तरफ से लौट रहा था. इस दौरान मुख्तार और इसके साथियों ने दोनों को रोक कर पैसे की मांग की. नहीं देने पर दोनों को जबरन बोलेरो में बैठाने लगे. जबरन बैठाने पर अजीत रावत चिल्लाने लगा. बगल में घास काट रही महिलाएं एव क्रिकेट खेल रहे युवकों ने अपहर्ता समझ कर हमला कर दिया, जिसमें विजय मांझी और मुख्तार सिंह ग्रामीणों के हाथों मारे गये, जबकि रामाधार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया.