गोपालगंज : कहा जाता है कि अगर दो प्रमियों के सच्चा प्रेम हो तो दुनिया की कोई ताकत उन्हें अलग नहीं कर सकती. कुछ ऐसा ही वाक्या बिहार के गोपालगंज में देखने को मिला. जहां, पिछले छह माह से एक-दूसरे से प्यार करने वाले जोड़े के आगे परिवारवालों को झुकना पड़ गया. अंत में दोनों परिवारों ने प्रेमी-प्रेमिका को पति पत्नी के रूप में साथ रहने की सामाजिक रूप से स्वीकृति देनी पड़ी. बताया जाता है कि भोरे थान क्षेत्र के खदही गांव के शिवरत्न मांझी की छोटी पुत्री बाबुन्ति कुमारी थाने के बनकटा जागीरदारी गांव के अपने जीजा इंदल मांझी के छोटे भाई बिंदल मांझी के साथ पिछले छह माह से प्रेम कर रही थी. दोनों का लुक-छिप कर मिलना जारी था. दोनों एक साथ जीने मरने की कसमें खा चुके थे. जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो दोनों को समझाने- बुझाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन दोनों अपनी जिद पर अड़े रहे.
लाख समझाने के बाद भी जब दोनों नहीं माने तो, बाबुन्ति की मां कलावती देवी अपनी बड़ी बेटी और अन्य परिजनों के साथ बनकटा जागीरदारी पंचायत की मुखिया सरिता देवी के दरवाजे पर पहुंची. वहां पंचायत बैठी. लड़के और लड़की दोनों को समझाने बुझाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन दोनों फिर नहीं माने और शादी कर एक साथ रहने के निर्णय पर अडिग रहे. तब परिजनों ने उनके इस निर्णय के आगे झुकते हुए दोनों को पति-पत्नी के रूप में साथ रहने की स्वीकृति देने का निर्णय लिया. इस अवसर पर एक पंचनामा बनाया गया, जिसमें लड़का-लड़की के अलावे दोनों पक्षों, पंचों और ग्रामीणों का हस्ताक्षर भी हुआ. मौके पर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि डॉ श्रीराम सिंह, बीडीसी हरकेश चौहान, डूमर नरेंद्र पंचायत से बीडीसी अवधेश सिंह ,राजेश सिंह ,खदही पंचायत से बीडीसी केशव मिश्र आदि मौजूद रहें.