गोपालगंज : अल्पावास गृह गोपालगंज से दो युवतियों के गायब होने के मामले में हर स्तर पर पर्दा डाला गया. युवतियों के गायब होने के मामले में तत्कालीन अधिकारियों ने कार्रवाई करने के बजाय इसकी लीपापोती करने में जुट गये. अब मुजफ्फरपुर बालिका गृह का स्कैंडल सामने आने के बाद इस मामले की अब दोबारा जांच में जब पुलिस जुटी है तो संलिप्त अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं. कब किस पर गाज गिर जाये, कहना मुश्किल है. हालांकि पुलिस की प्राथमिकता युवतियों की बरामदगी है. युवतियों की बरामदगी होते ही यहां भी मुजफ्फरपुर की तरह एक बड़ा स्कैंडल का पर्दाफास हो सकता है.
जानकार सूत्रों की मानें तो पुलिस की जांच पर संलिप्त लोगों की नजर लगी हुई है. जांच को बाधित करने का भी सामर्थ्य इनमें है. पहले ही इस मामले की लीपापोती हो चुकी है. इसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की तरफ से सीबीआई जांच की मांग की जा चुकी है. कुछ संगठन निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. हालांकि डीएम अनिमेष कुमार पराशर इस पूरे प्रकरण को लेकर गंभीर हैं. प्रशासनिक स्तर पर डीएम कार्रवाई में जुटे हैं.
20 दिनों की जांच में पुलिस के हाथ खाली : अल्पावास गृह से गायब युवतियों की तलाश में नगर थाने की एक पुलिस टीम सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में पिछले 20 दिनों से जांच कर रही है. पुलिस स्थानीय स्तर के बाद मुंबई, यूपी के देवरिया, गोरखपुर अब लखनऊ में पड़ताल कर रही है. 20 दिनों में पुलिस के हाथ खाली हैं. अब पुलिस मुंबई के बाद यूपी में छापेमारी कर रही है. नगर थानाध्यक्ष रवि कुमार की मानें तो टीम अभी यूपी में कार्रवाई में जुटी है. जल्द ही ठोस नतीजे मिलने की उम्मीद है.
जादोपुर में मिला था अज्ञात युवती का शव
अल्पावास गृह से गायब युवतियों को लेकर चर्चाओं पर यकीन करें तो पांच अक्तूबर, 2017 को युवतियां अल्पावास गृह से फरार होती हैं. दुर्गापूजा के मौके पर जादोपुर थाना क्षेत्र के गंडक नदी के किनारे गन्ना की खेत से एक युवती की सिरकटी लाश बरामद होती है. इस मामले में जादोपुर पुलिस अल्पावास गृह पहुंच कर पड़ताल भी करती है. इसके बाद भी नगर थाने की पुलिस कार्रवाई करने के बजाय सनहा दर्ज कर चुप्पी साध लेती है. पांच दिनों बाद मीरगंज रेलवे लाइन के किनारे एक युवती का शव बरामद हुआ. दोनों शव किसके थे आज तक पता नहीं चल सका. पुलिस प्राइमरी स्तर पर जांच के बाद इस मामले को सूत्रहीन करार दे दिया. कई लोग गायब युवतियों के तार शव से जोड़ रहे हैं. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसे बेबुनियाद बताया जा रहा है.
क्या है मामला
जादोपुर रोड स्थित महिला अल्पावास गृह से पांच अक्तूबर, 2017 की रात निकली कटेया के खदही गांव की दूजा कुमारी व महाराष्ट्र के ठाणे की अनुराधा गायब हो गयीं. इसकी जानकारी जिले के तत्कालीन वरीय अधिकारियों को तब होती है, जब मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड सामने आया. हालांकि तब तक प्रशासनिक महकमे में बदलाव आ चुका था. मामला जब डीएम अनिमेष कुमार पराशर के संज्ञान में आया तो अनन-फानन में 25 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गयी. डीएम ने अल्पावास गृह के डीपीएम प्रेम प्रकाश पर कार्रवाई की अनुशंसा महिला विकास निगम से की तो एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव भेजा.