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11 कबाड़खानों पर छापेमारी के बाद छानबीन कर चुकी है एसआईटी

स्कूल से गायब हुई कॉपियों पर बिहार बोर्ड की नजर गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से गायब 42400 के कॉपियों की तलाश में उत्तराखंड पहुंची पुलिस की कार्रवाई को बारिश ने बाधित कर दिया. शनिवार की सुबह से हो रही बारिश के कारण एसआईटी की टीम छापेमारी के लिए नहीं निकल […]

स्कूल से गायब हुई कॉपियों पर बिहार बोर्ड की नजर

गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से गायब 42400 के कॉपियों की तलाश में उत्तराखंड पहुंची पुलिस की कार्रवाई को बारिश ने बाधित कर दिया. शनिवार की सुबह से हो रही बारिश के कारण एसआईटी की टीम छापेमारी के लिए नहीं निकल पायी. नवादा जिले के मूल्यांकित 42400 कॉपियों के गायब होने के मामले में एसआईटी और पुलिस की कार्रवाई पर बिहार बोर्ड की भी नजर टिकी है. अब तक की कार्रवाई में पुलिस को निराशा हाथ लगी है. यूपी और बिहार के लगभग 32 कबड़खानों पर पुलिस की छापेमारी के बाद एसआईटी की टीम उत्तराखंड और पंजाब में छापेमारी कर रही है. उत्तराखंड के 11 कबाड़खानों की छानबीन शुक्रवार से की जा चुकी है.
हजियापुर के कबाड़ कारोबारी पप्पू गुप्ता उत्तराखंड और पंजाब के किस कबाड़ी के यहां कबाड़ भेजता था इसका अब तक ठोस जानकारी नहीं मिल पायी है. उधर, पंजाब से जुड़े संभावनाओं के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. पुलिस का मानना है कि कॉपी अगर पंजाब या उत्तराखंड गयी है तो इसे बरामद करना आवश्यक है. कॉपियों की बरामदगी को लेकर लगातार पुलिस कप्तान राशिद जमां मॉनीटरिंग कर रहे हैं. पुलिस को पिछले 12 दिनों में पुलिस महज एक कॉपी बरामद कर सकी है. बिहार बोर्ड की नजर भी पुलिस की इस कार्रवाई पर टिकी है. हालांकि पुलिस ने एसएस बालिक के आदेशपाल छठु सिंह को रिमांड पर लेने के लिए सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता के कोर्ट से अपील की है.
कौन है मास्टरमाइंड, खुलेगा राज!: पुलिस को उम्मीद है कि अब आदेशपाल ही सच बता पायेगा. कबाड़खाना के संचालक पप्पू गुप्ता के इकबालिया बयान के बाद छठु सिंह की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है. अब छठु सिंह से पुलिस जानने का प्रयास करेगी कि असल मास्टरमाइंड कौन है?
कॉपियों के मिलने की संभावना कम
गायब कॉपियों की तलाश में शहर के कुल आठ कबाड़खानों को खंगाला गया तो सीवान, मोतिहारी और यूपी के कुशीनगर और देवरिया के कबाड़खानों में रेड हुआ. इसके लिए 27 टीमें दिन-रात छापेमारी में जुटी है, फिर भी कॉपियों की बरामदगी की संभावना कम दिख रही है. जानकार बताते हैं कि कॉपियों को या तो ठोंगा बना दिया गया होगा या उसे रिसाइक्लिंग कर पेपर तैयार कर दिया गया होगा. वैसे पुलिस के अधिकारी बरामदगी को लेकर चार अलग-अलग राज्यों में खाक छान रहे हैं.

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