16 ऋणियों ने दाखिल किया अग्रिम जमानत याचिका
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जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट दे आरबीआई
16 ऋणियों ने दाखिल किया अग्रिम जमानत याचिका बैंक अधिकारियों की भूमिका व संलिप्तता की हो जांच जिला जज के कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर पुलिस से मांगी केस डायरी ऋणियों की गिरफ्तारी पर रोक से कोर्ट का इन्कार गोपालगंज : स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में हुए कृषि गोल्ड लोन फर्जीवाड़े में […]
बैंक अधिकारियों की भूमिका व संलिप्तता की हो जांच
जिला जज के कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर पुलिस से मांगी केस डायरी
ऋणियों की गिरफ्तारी पर रोक से कोर्ट का इन्कार
गोपालगंज : स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में हुए कृषि गोल्ड लोन फर्जीवाड़े में शामिल 16 ऋणियों की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार के कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की गयी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरबीआई को इस मामले की जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में जमा कराने का आदेश दिया है. साथ ही स्टेट बैंक के उच्च अधिकारियों से बैंक के अधिकारियों की फर्जीवाड़े में संलिप्तता व उनकी भूमिका की जांच कर रिपोर्ट तलब किया है.
कोर्ट ने कहा है कि मामला काफी गंभीर है. कोर्ट के रुख से बैंक अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कोर्ट ने पुलिस से केस की डायरी अगले 18 जून को लेकर उपस्थित रहने को कहा है. बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सर, बैंक में असली सोना जमा करने के बाद उसकी जांच करायी गयी. जांच के दौरान असली सोना पाया गया, जिसका प्रमाणपत्र है. बाद में बैंक के अधिकारियों ने सोने को बदल कर नकली रख दिया तथा हम लोगों को फंसा दिया गया. दुबारा हमारे द्वारा जमा कराये गये सोने की जांच की गयी तो इसकी जानकारी साजिश के तहत नहीं दी गयी. बैंक अधिकारियों ने इस घोटाले को अंजाम दिया और हमें फंसा दिया.
अब एडीजे आठ के कोर्ट में होगी सुनवाई: कृषि गोल्ड लोन में फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस केस की सुनवाई अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आठ शोभाकांत मिश्र के कोर्ट में करने के लिए ट्रांसफर कर दिया. 18 जून को एडीजे आठ के कोर्ट में सुनवाई होगी.
इन लोगों ने जमानत के लिए दायर की याचिका
बैंक के ऋणी काशीनाथ प्रसाद, रंजय मांझी, अशोक कुमार सिंह, रमावती देवी, मीरा देवी, रंभा देवी, राजन रंजन कुमार, मनीष कुमार सिंह, जवाहर लाल बासफोर और ब्रजेश कुमार सिंह की जमानत याचिका अधिवक्ता अब्बू शमीम ने दाखिल किया, जबकि संजय कुमार सिंह, पप्पू प्रसाद, मनोज बैठा, मुकुल बैठा, सुनील कुमार प्रसाद और वीरेंद्र कुमार मांझी की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुनाथ सिंह ने दाखिल की. मामले की सुनवाई होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की गयी थी, लेकिन लोक अभियोजक देववंश गिरि के विरोध पर कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया.
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