विजयीपुर थाने के मुसेहरी बाजार में पेड़ पर शव दिखते ही मचा कोहराम
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बीएड में कम अंक आने पर कर ली खुदकुशी
विजयीपुर थाने के मुसेहरी बाजार में पेड़ पर शव दिखते ही मचा कोहराम गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड में एडमिशन के लिए दिया था इंट्रेंस एग्जाम विजयीपुर : बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) की एंट्रेंस एग्जाम में कम अंक आने से आहत दिव्यांग छात्र ने सोमवार की देर रात पेड़ पर फंदा डालकर खुदकुशी कर ली. घटना […]
गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड में एडमिशन के लिए दिया था इंट्रेंस एग्जाम
विजयीपुर : बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) की एंट्रेंस एग्जाम में कम अंक आने से आहत दिव्यांग छात्र ने सोमवार की देर रात पेड़ पर फंदा डालकर खुदकुशी कर ली. घटना विजयीपुर थाने के मुसेहरी बाजार की है. मृतक छात्र मुसेहरी बाजार निवासी शिवसागर राम का 22 वर्षीय सुनील राम था. सुनील राम ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड में एडमिशन के लिए इंट्रेंस एग्जाम दिया था. गत 24 मई को एडमिशन के लिए उसकी काउंसेलिंग होनी थी. उधर, घटना की सूचना मिलने पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. विजयीपुर थाने की पुलिस इस घटना की गहराई से जांच कर रही है. मृतक सुनील राम तीन बहनों के बीच मां-बाप का इकलौता बेटा था.
कम अंक आने पर तीन दिनों से तनाव में था सुनील : सुनील की मां फेंकनी देवी ने बताया कि सुनील ने यूपी के गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड में प्रवेश के लिए परीक्षा दिया था, जिसमें उसका नंबर कम आया था. इससे वह तीन दिनों से काफी तनाव में था. सुनील दाहिने पैर और हाथ से दिव्यांग था. सोमवार की रात अपने मां-बाप के साथ खाना खाकर छत पर सोने चला गया. अहले सुबह करीब तीन बजे वह शौच करने घर से बाहर गया और वापस नहीं लौटा. परिजन अभी उसकी तलाश करते, तभी खबर मिली कि पूर्व मुखिया अशोक गुप्ता के नवनिर्मित बंगले के पास सागवान के पेड़ पर सुनील का शव लटका हुआ है.
मोबाइल से खुलेगा राज
पुलिस ने इस सुसाइड केस को कई बिंदुओं पर जांच शुरू की है. जांच के क्रम में पुलिस को शव के पास से ही एक मोबाइल फोन भी मिला है, जो सुनील का बताया जा रहा है. पुलिस ने मोबाइल की जांच कर अनुसंधान शुरू कर दिया है. समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौत के कारणों की जांच कर रही थी.
मां-बाप के लिए कुछ करना चाहता था सुनील
शिक्षक बनकर समाज के साथ मां-बाप के लिए भी सुनील कुछ करना चाहता था. सुनील की सुसाइड के बाद सदमे में पड़ी मां फेंकनी देवी बार-बार कह रही थी कि सुनील मां-बाप के लिए कुछ करना चाहता था, इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहता था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
पैर और हाथ से दिव्यांग सुनील पेड़ पर कैसे चढ़ा
सुनील की मौत का रहस्य एक पहेली बन कर रह गयी है. भले ही परिजन उसके तनाव में रहने की बात कर रहे हों, लेकिन शव देखने के बाद कहीं से भी नहीं लग रहा कि सुनील ने खुदकुशी की है.
गौर करने वाली बात यह है कि सुनील राम का एक हाथ और एक पैर काम नहीं करता था. फिर आखिर वह ऊंचे सागवान के पेड़ पर कैसे चढ़ सकता है, सुनील का बंद मुंह भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
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