खुशी. दीप प्रज्वलित कर आयोजित हुआ कार्यक्रम
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जस्टिस ने रखी कोर्ट भवन की आधारशिला
खुशी. दीप प्रज्वलित कर आयोजित हुआ कार्यक्रम निरीक्षी न्यायाधीश सहित पटना हाइकोर्ट के चार जस्टिस हुए शामिल गोपालगंज : पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने शनिवार को सिविल कोर्ट के नये भवन की आधारशिला रखी. भवन का निर्माण कार्य 32 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हाइकोर्ट के […]
निरीक्षी न्यायाधीश सहित पटना हाइकोर्ट के चार जस्टिस हुए शामिल
गोपालगंज : पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने शनिवार को सिविल कोर्ट के नये भवन की आधारशिला रखी. भवन का निर्माण कार्य 32 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हाइकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने शिलान्यास कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जबकि हाइकोर्ट के जस्टिस शिवजी पांडेय, जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह, जस्टिस सह निरीक्षण न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह भी मौजूद थे. करीब 32 करोड़ की लागत से पुराने जेल परिसर में न्यायालय के नये जी-प्लस फाइव भवन का निर्माण किया जा रहा है. इस नये भवन का निर्माण कार्य 17 महीने में पूरा हो जायेगा.
नये भवन में एक ही छत के नीचे 24 कोर्ट चलेंगे. शिलान्यास कार्यक्रम के बाद लोक अदालत परिसर के पास बने मंच पर करीब तीन घंटे तक कार्यक्रम चला. हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने न्यायिक कार्यों के प्रति अपना संबोधन किया. कार्यक्रम का समापन जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो जफर इमाम मलिक ने किया. मौके पर प्रधान न्यायाधीश राज कुमार सिंह, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शैलेश तिवारी, पुलिस अधीक्षक रविरंजन कुमार, डीडीसी दयानंद मिश्र, एसडीओ शैलेश दास, एसडीपीओ मनोज कुमार, प्रभारी प्रशासन कोर्ट रविंद्र सिंह, जेल अधीक्षक संदीप कुमार, नगर इंस्पेक्टर निगम कुमार वर्मा, विपिन बिहारी श्रीवास्तव, वेदप्रकाश तिवारी, परवेज, रवि प्रकाश मणि त्रिपाठी, उदय कुमार आदि मौजूद थे.
छात्राओं ने प्रस्तुत किया स्वागत गान
बिहार विकास विद्यालय की छात्राओं ने पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश के पहुंचने के बाद पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया. इसके बाद मंच पर छात्राओं ने सामूहिक स्वागत गान प्रस्तुत किया. छात्राओं ने अपने स्वागत गान से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये. मौके पर विद्यालय के शिक्षक व निदेशक अनिल श्रीवास्तव मौजूद थे.
वकीलों को बैठने के लिए मिले सुविधा
जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायालय में वकीलों को बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है.
कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई में वकीलों की भूमिका अहम मानी जाती है. न्यायालय का नया भवन बन रहा है, बेहतर है. लेकिन, वकीलों को बैठने के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए. इस पर न्यायालय को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
श्री शैलेश ने हाइकोर्ट के न्यायाधीश की मौजूदगी में वकीलों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की बातों को सुनने के बाद न्यायिक पदाधिकारियों ने वकीलों की समस्याओं पर आश्वासन भी दिया.
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