लापरवाही. न खतरे का भय, न मानक का पालन, बिना नक्शा पास कराये बन रहे मकान
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महलों की होड़ में याद नहीं रहे नाले
लापरवाही. न खतरे का भय, न मानक का पालन, बिना नक्शा पास कराये बन रहे मकान मकान बनाने के होड़ में शहर में पानी निकासी और सड़क को नजर अंदाज कर दिया गया है.बिना नक्शा पास कराये और मानक को नजरअंदाज कर बन रहे मकान शहर में खतरों को दावत दे रहे हैं. वहीं नक्शा […]
मकान बनाने के होड़ में शहर में पानी निकासी और सड़क को नजर अंदाज कर दिया गया है.बिना नक्शा पास कराये और मानक को नजरअंदाज कर बन रहे मकान शहर में खतरों को दावत दे रहे हैं. वहीं नक्शा पास कराने की दर अत्यंत कम है.
गोपालगंज : गत पांच वर्षों से शहर में बसने की होड़ मची है. मकान बनाने का सिलसिला तेजी से जारी है. लेकिन महलों की इस होड़ में न सड़क याद है न नाला. न आने वाले खतरे का भय है न सुविधा का ख्याल. बिना नक्शा पास कराये मानकों को दरकिनार कर मकान बनाने का सिलसिला जारी है. नगर पर्षद भी चुप्पी साधे है.ऐसे में न सिर्फ आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं बल्कि कई परेशानियां भी बढ़ गयी हैं.पानी निकासी के साथ साथ नाली-गली बनाने में जहां कठिनाई हो रही है,
वहीं जलजमाव और गंदगी का फैलना आम बात हो गयी है. शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां आग लग जाये, तो फायर ब्रिगेड का जाना संभव नहीं है. भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदा होने पर राहत पाना भी कठिन होगा. प्रतिवर्ष शहर में 175 -200 मकान बनते हैं, लेकिन 20 फीसदी भी मानक पूरा नहीं करते. भूकंपरोधी मकान की बात तो दिमाग में है भी नहीं.
भवन बनाने का क्या है नियम
शहर में मकान बनाने के लिए मानक तय हैं, जहां 12 फुट से कम चौड़ी सड़क है, वहां मकान की ऊंचाई सात मीटर और 16 फुट चौड़ी सड़क के किनारे 10 मीटर से अधिक ऊंचा मकान नहीं बन सकता.आवासीय मकान के लिए कम-से-कम आगे पांच फुट और पीछे तीन फुट जगह छोड़ना अनिवार्य है.
कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए आगे 12 फुट और पीछे तीन मीटर जगह छोड़ना अनिवार्य है.मकान के लिए नक्शा इंजीनियर से पास होना चाहिए, लेकिन शहर में इसका कहीं भी पालन नहीं होता.
क्या कहता नगर पर्षद
शहर में मकान बनाने के लिए अधिकृत आॅर्टिटेक्ट से नक्शा पास होना अनिवार्य है. गैरकानूनी ढंग से मकान बनवाने वाले नगर पंचायत के लाभ से वंचित तो होंगे ही कानून के दायरे में भी होंगे.
ज्योति कुमार श्रीवास्तव, इओ, नप, गोपालगंज
शहर और मकान
कुल वार्ड – 28
कुल होल्डिंग – 10471
प्रतिवर्ष नये मकान बनने की संख्या – 175 -200
डेढ़ वर्ष में पास आवेदन – 137
ऑनलाइन पास आवेदन – 22
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