गोपालगंज : रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों को देनेवाली सुविधाएं थावे-कप्तानगंज रेलखंड के लोगों के लिए एक स्वप्न की तरह ही है. पांच वर्षों से अधिक हो गये, बावजूद उक्त खंड पर नियमित एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अब तक शुरू नहीं किया जा सका है. इस खंड के कई रेलवे स्टेशनों पर इसके लिए धरना व […]
गोपालगंज : रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों को देनेवाली सुविधाएं थावे-कप्तानगंज रेलखंड के लोगों के लिए एक स्वप्न की तरह ही है. पांच वर्षों से अधिक हो गये, बावजूद उक्त खंड पर नियमित एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अब तक शुरू नहीं किया जा सका है. इस खंड के कई रेलवे स्टेशनों पर इसके लिए धरना व प्रदर्शन भी किये गये,
लेकिन उसका कोई फलाफल नहीं निकल सका. वरीय पदाधिकारी किसी-न-किसी रूप से अपना पल्ला झाड़ कर इससे बचते चले जा रहे हैं. इसका दुष्परिणाम यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. यात्रियों का कहना है कि रेल प्रशासन इस खंड के यात्रियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. यात्री लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए सीवान, छपरा तथा गोरखपुर रेलवे स्टेशनों पर जाने को मजबूर हो रहे हैं.
कभी-कभी चलती हैं विशेष ट्रेनें : उक्त खंड पर कभी-कभी विशेष लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता है. इसकी समय सीमा बंधी रहती है. छपरा-लखनऊ की एक एक्सप्रेस ट्रेन है, जो सप्ताह में मात्र दो दिन चलती है. वह भी नियमित नहीं है.
2011 को हुआ था लोकार्पण : थावे-कप्तानगंज रेलखंड के आमान परिवर्तन के बाद इसका लोकार्पण तत्कालीन रेल राज्य मंत्री एच मुनियप्पा द्वारा पडरौना रेलवे स्टेशन 16 दिसंबर, 2011 को किया गया था. इसकी अध्यक्षता तत्कालीन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा काॅरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री भारत सरकार आरपीएन सिंह ने की थी. उक्त तिथि को पडरौना रेलवे स्टेशन से एक ट्रेन को हरी झंडी दिखायी गयी तथा वह गोरखपुर चली गयी. 18 दिसंबर, 2011 से उक्त रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ.
नहीं उठाये जा रहे सार्थक कदम : क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लंबी दूरी की नियमित एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर कोई खास दिलचस्पी व सार्थक कदम उठाते नहर नहीं आ रहे हैं. बताते चलें कि हजारों की तादाद में यात्रियों का आवागमन इस रेलखंड पर प्रतिदिन होता है. रेल प्रशासन द्वारा मुंबई, दिल्ली, कोलकाता सहित अन्य प्रमुख नगरों व शहरों के लिए ट्रेनों का नहीं दिया जाना आपने आप में आश्चर्य की बात है.