गोपालगंज : चर्चित मीरगंज की सलोनी हत्याकांड के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो जफर इमाम मलिक की अदालत ने आरोपित पति की जमानत याचिका को रद्द कर दिया. निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने से आरोपितों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. ध्यान रहे कि जादोपुर थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के रहने वाले नंद कुमार गुप्ता की बेटी सलोनी की शादी 16 फरवरी, 2017 को मीरगंज के वार्ड 10 के रहने वाले तथा प्रमुख कपड़ा कारोबारी राजू प्रसाद के पुत्र विकास कुमार के साथ हुई थी. शादी में औकात के मुताबिक दान-दहेज दिया था. स्कॉर्पियों की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाता था.
इस बीच 23 मार्च को दहेज की मांग को लेकर पति विकास कुमार, सास निर्मला देवी, ससुर राजू प्रसाद, भैंसुर विक्की कुमार, शिल्पी देवी ने मिल कर बेरहमी से पिटाई की. बाद में गला घोट कर हत्या कर दी. हत्या के बाद आत्महत्या का रूप देने के लिए गरदन में रस्सी बांध कर टांग दिया. घटना की सूचना देर शाम जब सलोनी के मायके वालों को मिलीं तो ये लोग पहुंचे. इनके सामने से परिजन धीरे -धीरे फरार होने लगे. पुलिस के सामने से परिजन फरार हो गये. इसके बाद शहर के व्यवसायी सड़क पर उतर गये. शव को मौनिया चौक पर रख कर गिरफ्तारी की मांग की. बाद में कैंडल मार्च निकाला. आंदोलन से दबाव में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी. इस बीच 27 मार्च को सलोनी के पति विकास ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जमानत के बिंदु पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पीपी देववंश गिरि ने जमानत का विरोध करते हुए हत्या के तथ्य को रखा. उसके बाद कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
सीजेएम कोर्ट से ससुर-सास की जमानत हो चुकी है रिजेक्ट : सलोनी हत्याकांड में कुर्की- जब्ती की कार्रवाई से बचने के लिए आनन-फानन में ससुर राजू प्रसाद, सास निर्मला देवी तथा भैंसुर विक्की कुमार ने महम्मदपुर तथा छपरा नगर थाने में सरेंडर कर दिया. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने सलोनी के आरोपित ससुर, सास, भैंसुर की जमानत याचिका को पहले ही खारिज कर दिया है. अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में जमानत के लिए अपील की तैयारी चल रही है.
सलोनी को मिले न्याय, सोशल मीडिया पर मुहिम : सलोनी को मिले न्याय, इसके लिए सोशल मीडिया पर लगातार मुहिम चल रही है. फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर, स्काइप जैसे सोशल साइट पर न्याय की अपील की जा रही है. सोशल साइट पर पुलिस की तरफ से होने वाली चूक को हाइ लाइट किया जा रहा.