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गया में पितृपक्ष मेले की तैयारी शुरू, 10 लाख से अधिक पिंडदानियों के पहुंचने की उम्मीद

कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से इस मेले का आयोजन नहीं हो सका था. कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद इस बार नौ से 25 सितंबर तक यह मेला आयोजित हो रहा है.

वायु पुराण, नारद पुराण सहित कई अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आदिकाल से गयाजी यानी मोक्ष धाम पितरों की मुक्ति स्थली रही है. त्रेता युग में स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपनी पत्नी जनक नंदिनी सीता संग यहां आकर अपने पूर्वजों को पिंडदान कर चुके हैं. प्राचीन काल से प्रत्येक वर्ष आश्विन मास में यहां 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले का आयोजन होता आ रहा है. वर्ष 2019 में आयोजित इस मेले में देश-विदेश से करीब आठ लाख पिंडदानियों ने यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के निमित्त पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण किया था.

कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से इस मेले का आयोजन नहीं हो सका था. कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद इस बार नौ से 25 सितंबर तक यह मेला आयोजित हो रहा है. गयापाल पंडों की मानें, तो उम्मीद से भी अधिक इस बार पिंडदानियों के आने की संभावना है. स्थिति सब कुछ ठीक रही तो इस बार आयोजित होने वाले इस मेले में पिंडदानियों की संख्या 10 लाख के आंकड़े को भी पार कर सकता है.

वर्ष 2019 में 80 करोड़ का हुआ था कारोबार

वर्ष 2019 में यहां आयोजित पितृपक्ष मेले में कुल मिला कर करीब 80 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. जानकारी हो कि देश-विदेश से आने वाले प्रत्येक पिंडदानी पिंडदान सामग्रियों, आवासन, भोजन, यातायात व अन्य जरूरतों के सामान की खरीदारी यहीं करते रहे हैं. इन सब क्षेत्रों में एक यात्री द्वारा वर्ष 2019 के पितृपक्ष मेले में कम से कम औसतन एक हजार रुपये खर्च किये गये थे.

इस बार सौ करोड़ से अधिक का होगा कारोबार

इस बार आयोजित हो रहे पितृपक्ष मेले में यदि पिंडदानियों संख्या वर्ष 2019 की तुलना के समान रही तो सौ करोड़ रुपये से भी अधिक का कारोबार पितृपक्ष मेले में हो सकता है. जानकारी हो कि कोरोना संक्रमण के बाद सभी तरह के सामान व वस्तुओं के दामों में 10 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि हो चुकी है. महंगाई बढ़ने से पिंडदानियों द्वारा किये जाने वाले खर्च का बजट बढ़ना भी तय है.

पिंडदानी अपने कुल पंडा से कर रहे संपर्क

इस बार आयोजित हो रहे पितृपक्ष मेले में आने को लेकर पिंडदानी अपने कुल पंडा से लगातार संपर्क कर रहे हैं. वर्ष 2019 की अपेक्षा इस बार पितृपक्ष मेले में पिंडदानियों की अच्छी खासी संख्या आने की उम्मीद है. जिला प्रशासन के साथ पंडा समाज भी अपने स्तर से पिंडदानियों को हर सुख- सुविधा देने के लिए अभी से ही तैयारी में जुट गया है.

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होटलों में बुकिंग शुरू

पिछले करीब एक महीने से पितृपक्ष मेले को लेकर होटलों का कारोबार शुरू हो गया है. नौ सितंबर से 25 सितंबर तक आयोजित होने वाले इस मेले में शहर के अधिकतर होटलों की ठीक-ठाक बुकिंग हो रही है. वर्ष 2019 की तुलना में इस बार होटल के कारोबार में अभी से ही तेजी है. उम्मीद की जा रही है कि पिंडदानियों की संख्या इस बार अच्छी होगी.

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