प्रसनजीत
गया : वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए नगर निगम ने अपना बजट तैयार कर लिया है. लेकिन, बजट पूरी तरह से पिछले बजट की फोटो कॉपी है. तकनीकी भाषा में इस साल का बजट पूरी तरह से वर्ष 2013-14 के बजट का कट, कॉपी, पेस्ट है. प्रस्तावित योजनाओं में कुछ खास फेरबदल नजर नहीं आ रहा है. पिछले वर्ष की योजनाओं को ही दोहराया गया है, यानी सिर्फ खानापूर्ति की गयी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2014-15 का बजट लगभग हजार रुपये घाटे का होगा, जो चालू वित्तीय वर्ष से अधिक है.
वित्तीय वर्ष 2013-14 में निगम ने 8 लाख 51 हजार 924 रुपये घाटे का बजट पेश किया गया था. सूत्रों की मानें, तो नये वित्तीय वर्ष में निगम ने पूंजीगत व राजस्व आय का लक्ष्य दो अरब आठ करोड़ 62 लाख 6 हजार 485 रुपये रखा है, जबकि पूंजीगत और राजस्व व्यय का लक्ष्य दो अरब आठ करोड़ 74 लाख 34 हजार रखा गया है.
चालू वित्तीय वर्ष की स्थिति : वित्तीय वर्ष 2013-14 में निगम अपने सभी लक्ष्यों में पीछे ही साबित हुआ है. निगम की ओर से तैयार बजट में स्थिति स्पष्ट है. लक्ष्य पूरा नहीं होने के पीछे अधिकारी कई कारण गिना रहे हैं. लेकिन सच यह है कि स्थिति नयी नहीं है. पिछले कई सालों के रिकार्ड को देखें, तो लक्ष्य व वसूली के बीच का बड़ा अंतर ही निगम के बजट को हर साल घाटे में रखता है. बजट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व राजस्व आय का कुल लक्ष्य दो अरब 37 करोड़ 95 लाख 97 हजार चार रुपये रखा गया था, जबकि प्राप्ति महज 52 करोड़ 44 लाख 68 हजार 850 रुपये है. दूसरी ओर, पूंजीगत व राजस्व व्यय का लक्ष्य दो अरब 38 करोड़ 4 लाख 48 हजार 928 रुपये था, इसमें निगम महज 30 करोड़ 17 लाख 88 हजार 34 रुपये ही खर्च कर पाया है.