लेकिन, एमयू प्रशासन ने ऐसा नहीं किया व सभी निजी बीएड कॉलेजों को मनमाफिक काम करने की छूट दे दी. एमयू को बंद कराने का नेतृत्व कर रहे जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष सह एमयू प्रभारी भवानी सिंह ने बताया कि निजी कॉलेजों द्वारा नामांकन फॉर्म के लिए पैसे लिये जा रहे हैं व ज्यादातर कॉलेजों के प्रबंधन द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि सीटें फुल हो चुकी है.
इस कारण गुरुवार को भी एमयू के बीएड डिपार्टमेंट व प्रशासनिक भवन को बंद करा दिया गया. उन्होंने बताया कि समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा. छात्र संगठनों से जुड़े छात्र गुरुवार की सुबह 11 बजे एमयू मुख्यालय पहुंचे व परीक्षा नियंत्रक सह प्रोक्टर डॉ नंद कुमार यादव से मिल कर अपनी बातें रखीं. कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के बाद छात्रों ने एमयू को बंद करा दिया. लगातार तीसरे दिन एमयू मुख्यालय बंद होने से कामकाज पर तो असर पड़ा ही, प्रमाणपत्रों व अन्य कार्यों से एमयू पहुंचे छात्र-छात्राओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. इसमें एआइएसएफ के कुमार जितेंद्र, आइसा के छात्र नेता कौशल कुमार, कुणाल कुमार, रितेश कुमार यादव, अंजय कुमार, शिवेश कुमार पाठक, उमेश कुमार, विनेश कुमार, आयुष सिंह व अन्य शामिल थे.