गया: गया शहर में खुले में बिक रहे मांस-मछली पर रोक लगाने में नगर निगम प्रशासन अब तक सफल नहीं हो सका है. अमूमन, हर इलाके में मांस-मछली व्यवसायी बड़े आराम से अपना कारोबार कर रहे हैं. इसके दो कारण नजर आते हैं.
पहला सरकारी नियमों का पालन कराने में निगम पूरी तरह विफल है, तो दूसरा इन दुकानदारों में प्रशासन की कार्रवाई का कोई डर नहीं है. कारण चाहे जो भी हो, इसका खामियाजा शहर के लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है. सड़क किनारे खुले में मांस-मछली बेचे जाने से आस-पास के लोगों को परेशानी होती है. वहीं, उक्त सड़क से गुजरने के दौरान लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंचती है.
आदेश को लेकर निगम गंभीर नहीं : नगर विकास विभाग, बिहार सरकार की तरफ से गत तीन जनवरी को राज्य के नगर निकायों व नगर पंचायतों में सड़क किनारे मांस-मछली की बिक्री को व्यवस्थित करने का आदेश जारी किया गया था.
विभाग के सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने स्पष्टतौर सरकारी नियमों का पालन कराने को कहा गया था. सचिव द्वारा लिखे गये पत्र में मांस-मछली के उत्पादों को आवरण के पीछे रख कर बेचने, उत्पादों को काटने के लिए स्वच्छ अस्त्र, ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था करने आदि की सलाह दी गयी है. पत्र में यह भी लिखा गया है कि बिहार नगरपालिका अधिनियम और पशु क्रूरता से जुड़े नियमों का हर हाल में पालन कराना होगा तथा नियमों को नहीं मानने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जाये. लेकिन, मौजूद हालात साफ बता रहे हैं कि निगम ने निर्देशों का पालन ही नहीं किया.