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बीपी व मधुमेह : इलाज का बेहतर विकल्प है योग

गया : हाइपरटेंशन व मधुमेह अब लोगों में सामान्य होता जा रहा है. इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. किडनी फेल होना व हर्ट की बीमारी जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. सैकड़ों लोग हाइपरटेंशन (हाइ ब्लड प्रेशर)व डायबिटिज का इलाज एलोपैथिक पद्धति से करा रहे हैं. लेकिन, इन सब के बीच अब जिले […]

गया : हाइपरटेंशन व मधुमेह अब लोगों में सामान्य होता जा रहा है. इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. किडनी फेल होना व हर्ट की बीमारी जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. सैकड़ों लोग हाइपरटेंशन (हाइ ब्लड प्रेशर)व डायबिटिज का इलाज एलोपैथिक पद्धति से करा रहे हैं. लेकिन, इन सब के बीच अब जिले के लोगों के सामने एक और बेहतर विकल्प है.

खास कर उन लोगों के लिए जो एलोपैथ से बचना चाहते हैं. केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने जिले के विभिन्न अस्पतालों में योग प्रशिक्षण व आयुर्वेद सेंटर शुरू किया है. एनपीसीडीसीएस प्रोग्राम के तहत यहां चार रोगों का इलाज किया जा रहा है. यहां आने वाले मरीजों को आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज के साथ योग भी कराया जा रहा है. सेंटर में सबसे अधिक हाइपरटेंशन व मधुमेह के ही मरीज आ रहे हैं.

दवा के साथ योग बेहद जरूरी : यहां मौजूद विशेषज्ञों के मुताबिक, आयुर्वेद में दवा के साथ योग पर भी ध्यान दिया जाता है. उदाहरण के तौर पर हाइपरटेंशन का मरीज अगर योग करता है, तो उसके फेफड़ों में आॅक्सीजन के इस्तेमाल की क्षमता बढ़ जाती है. इससे हर्ट पर पड़ने वाला दबाव सामान्य हो जाता है और वह सामान्य तरीके से ब्लड को पंप करता है. ठीक इसी प्रकार योग मधुमेह पीड़ितों के शरीर में इंसुलीन का प्रयोग बेहतर तरीके से करने में मदद करता है.
क्या है प्रोग्राम : नेशनल प्रोग्राम फाॅर प्रिवेन्शन एंड कंट्रोल आॅफ कैंसर, डायबिटिज, कार्डियोव्सकुलर एंड स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है. मंत्रालय ने इस प्रोग्राम के पहले चरण में देश के तीन राज्यों के एक-एक जिले का चयन किया है. बिहार में गया जिले का चयन हुआ. इसके अलावा राजस्थान में भीलवाड़ा व गुजरात में सुरेंद्रनगर में यह प्रोग्राम चल रहा है. जिले में शहर के अलावा कई प्रखंडों के अस्पतालों में यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. प्रोग्राम के तहत योग व आयुर्वेद के माध्यम से चार बीमारियों के इलाज का इंतजाम है. एलोपैथिक दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से लोगों को बचाने और आयुर्वेद व योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने यह प्रोग्राम को शुरू किया.

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