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राजकीय पॉलिटेक्निक. कंप्यूटर साइंस में स्थायी शिक्षक नहीं

राजकीय पॉलिटेक्निक में तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराया जा रहा है. यहां से पास होनेवाले छात्र-छात्राएं विभिन्न संस्थानों में काम करते हैं, पर सरकार द्वारा इस संस्थान पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों की कमी के बाद भी संस्थान में नामांकन लिया जाता है, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहा […]

राजकीय पॉलिटेक्निक में तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराया जा रहा है. यहां से पास होनेवाले छात्र-छात्राएं विभिन्न संस्थानों में काम करते हैं, पर सरकार द्वारा इस संस्थान पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों की कमी के बाद भी संस्थान में नामांकन लिया जाता है, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है.
गया : राजकीय पॉलिटेक्निक, गया में कंप्यूटर साइंस का कोर्स वर्ष 2006 से चलाया जा रहा है. इस कोर्स में शुरू से आज तक शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गयी है. ऑल इंडिया काउंसिल आॅफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) से मान्यता प्राप्त इस तीन वर्षीय कोर्स में हर साल 60 स्टूडेंट्स का नामांकन होता है. इस कोर्स के लिए संसाधनों की भी कमी नहीं है.
एक सुसज्जित लैब में 60 कंप्यूटर लगाये गये हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कंप्यूटर शिक्षक का स्थायी नियुक्ति नहीं किये जाने से गेस्ट फैकल्टी के सहारे पढ़ाई करायी जा रही है. वर्ष 1960 में राजकीय पॉलिटेक्निक की स्थापना के समय तीनों सत्रों मिला कर विद्यार्थियों की संख्या 210 थी, तब उस समय के हिसाब से संस्थान में शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत किये गये थे. वर्तमान में एक सत्र में ही 300 विद्यार्थियों का नामांकन होता है, लेकिन शिक्षकों की संख्या स्वीकृत पद के बराबर भी नहीं है.

किसी-किसी विषय में तो एक भी शिक्षक नहीं हैं. इसके अलावा सरकार के उदासीन रवैये के कारण आज पूरे संस्थान की हालत जर्जर हो गयी है. नयी बिल्डिंग भी बनायी गयी है, लेकिन वहां पर भी इतनी जगह नहीं है कि एक साथ सभी कोर्सों के तीनों सत्र के विद्यार्थियों का क्लास चलाया जा सके. नयी बिल्डिंग में कंप्यूटर लैब व अन्य कुछ कोर्स की पढ़ाई करायी जाती है.

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