इसमें लोक शिक्षा समिति से अनुमोदन प्राप्त किये बगैर विज्ञप्ति प्रकाशित करना, साक्षरता कर्मियों को अनुभव प्रमाण पत्र देने व वरीयता सूची बनाने में भेद-भाव बरतना, नियोजन के लिए अनावश्यक रूप से लिखित परीक्षा व साक्षात्कार आयोजित किया जाना, साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र नहीं भेजा जाना, किसी विश्वसनीय एजेंसी से प्रश्न पत्र नहीं मंगवाना, परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र लीक किया जाना व मेधासूची सार्वजनिक नहीं किया जाना जैसे कई गंभीर आरोप शामिल हैं.
इसके अलावा महादलित, अल्पसंख्यक व अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत सामग्री खरीद के लिए हर टोले पर प्राप्त 805 रुपये का चेक केआरपी के नाम से काट कर व कुछेक संकुल संसाधन केंद्रों पर अक्षर आंचल मेले की खानापूर्ति कर रुपये का बंदरबांट करने के भी आरोप लगाये गये हैं.