गया : मानव व्यापार सूबे की बड़ी समस्या है. गया से बड़ी संख्या में बच्चों का मानव व्यापार होता है. ये बातें सोमवार को लक्ष्य संस्था की ओर से होटल गर्व रेजिडेंसी आयोजित कार्यशाला के पहले दिन दिल्ली से आये अधिवक्ता व एक्सपर्ट सौम्या भौमिक ने कहीं.
उन्होंने कहा कि बिहार से बच्चों को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश व पंजाब भेजा जाता है. मानव व्यापार एक संगीन व संगठित अपराध है. उन्होंने 14 नवंबर, 2012 से नया कानून प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेंस एक्ट(पोक्सो) की भी जानकारी दी.
इधर, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद ने कहा कि मानव व्यापार एक आपराधिक प्रक्रिया है, जिसमें शोषण ही शोषण है. अधिकतर मानव व्यापार या तो देह व्यापार या फिर श्रम के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगाने के लिए कम्युनिटी लेवल पर जागरूकता व उनको शिक्षित करने की जरूरत है.
इस दिशा में काम करनेवाले एनजीओ को मानव तस्करी में पकड़ाये लोगों की जानकारी डीएम, पुलिस अधिकारी से लेकर थाना स्तर पर अवश्य दें. इस अवसर पर इंपैक्ट के मनीष सबरवाल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसजेड अहसन, जन जागरण संस्थान के उदय सिंह व शोभा कुमारी, रेस्क्यू जंकशन की प्रोजेक्ट मैनेजर संगीता शर्मा, अधिवक्ता शिवदत्त मौर्य, उपेंद्र कुमार सिंह, लक्ष्य संस्था के निदेशक मनोज कुमार, चित्रली के अलावा कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि मौजूद थे.