गया: महान शिक्षाविद व स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद अखंड राष्ट्रवाद के पक्षधर थे. उन्होंने अंतिम क्षण तक देश के बंटवारे का विरोध किया. ये बातें केंद्रीय विद्यालय नंबर वन के मीडिया प्रभारी डॉ राधानंद सिंह ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की 125 वीं जयंती के अवसर पर कहीं. इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप मनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मौलाना साहब महान शिक्षाविद, अनन्य राष्ट्रवादी व कुशल राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने भारत निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. इसके बाद प्रभारी प्राचार्य एचए सिद्दिकी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया. फिर बारी-बारी से सभी छात्र, शिक्षक व शिक्षिकाओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किये. कार्यक्रम का संचालन शिक्षक एसएस जमा ने किया.
केंद्रीय विद्यालय-टू में प्रभारी प्राचार्या पी लकड़ा ने डॉ कलाम के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की. मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ कलाम गुलाम भारत को आजाद करने में अहम भूमिका निभायी. वह आदर्शवान, विवेकशील व ज्ञानवान व्यक्ति थे. वहीं, शिक्षक जैनेंद्र कुमार मालवीय ने कहा कि वह शिक्षा, सद्भावना, एकता व अखंडता के महान उपासक थे. शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति उन्हीं की देन है. एकादश कक्षा की छात्र सुप्रभा ने भी उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला.
इस अवसर पर शिक्षक निवेदिता कुमारी, मो अंसारी, बीएन प्रसाद, सुशील कुमार, डॉ वीरेंद्र कुमार, ए राय, एसके श्रीवास्तव ने पुष्पांजलि अर्पित की. मौके पर वर्क शाप, लेखन प्रतियोगिता, एक्सटेंपर स्विच, रैली आदि आयोजित की गयी. कार्यक्रम का संचालन जैनेंद्र कुमार मालवीय व धन्यवाद ज्ञापन डॉ निर्मला कुमारी ने किया.