डुमरिया: तमाम घोषणाओं के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष के गृह विधानसभा क्षेत्र इमामगंज में अवस्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीसीएच), मैगरा बदहाल है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बार-बार आश्वासन दिया जाता है कि हफ्ते-दस दिनों में मैगरा एपीसीएच की हालत सुधर जायेगी, लेकिन ज तक अस्पताल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की दिनोंदिन बदतर होती जा रही है. डीएम व सिविल सर्जन की कोशिश भी रंग लाती नहीं दिख रही है.
डीएम के डुमरिया के दौरे के दौरान पर आने के दौरान ग्रामीणों ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मैगरा को चालू कराने व इस केंद्र में प्रसव कार्य शुरू करने की मांग किया था. ग्रामीणों के पहल पर डीएम ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही अस्पताल को चालू किया जायेंगा. नवनिर्मित पशुपालन विभाग के भवन में अस्पताल के लिए दो कमरे आवंटित किये गये. इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डुमरिया के स्वास्थ्य प्रबंधक विजय कुमार ने अस्पताल का उद्घाटन किया. लेकिन, आज स्थिति यह है कि अब तक अस्पताल में प्रसव कार्य शुरू नहीं हो सका है. अस्पताल में जीवनरक्षक दवाओं समेत सामान्य दवाओं का टोटा है. सप्ताह में मात्र दो दिन ही नियमित टीकाकरण के लिए ही अस्पताल खोला जाता है, बाकि दिन यह बंद ही रहता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी कहां ड्यूटी करते हैं और उन्हें कहां से वेतन भुगतान किया जाता है, यह भगवान को ही पता होगा. छह बेड वाले अस्पताल के रख-रखाव के लिए स्वास्थ्य विभाग से भेजी जानेवाली राशि कहां खर्च होती है, इसका भी कोई अता-पता नहीं है. लोगों ने बताया कि मैगरा में अस्पताल खुलने के बाद भी मरीजों को 10 किलोमीटर की दूरी तय कर इमामगंज व डुमरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. वहीं, मैगरा थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिसकर्मियों व खुद घायल व्यक्तियों को इंज्यूरी रिपोर्ट के लिए डुमरिया जाना पड़ता है.
इस संदर्भ में डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डाॅ प्रेमचंद्र शुक्ला व स्वास्थ्य प्रबंधक विजय कुमार से संपर्क करने के कई बार कोशिश की गयी, लेकिन दोनों का मोबाइल फोन बंद मिला.