गया: शहर के युवा व बच्चे इस गरमी की छुट्टी में पूरी तरह से डांस के मूड में दिख रहे हैं. छुट्टियों का भरपूर उपयोग डांस सीखने में कर रहे हैं. फिलहाल शहर के लगभग सभी डांस एकेडमी बच्चों को डांस की ट्रेनिंग देने में व्यस्त हैं. डांस एकेडमी चलाने वाले लोगों की मानें, तो गरमी की छुट्टी में डांस सीखने वालों की संख्या बढ़ जाती है.
डांस के शौकीन बच्चे अपनी छुट्टी का बेहतर प्रयोग करना चाहते हैं. स्कूल के होने वाले कार्यक्रमों में अव्वल रहने की इच्छा व शहर में जलवा-द डांस हंट शो जैसे बड़े कार्यक्रमों में परफॉर्म कर मशहूर होने की तमन्ना शहर के युवा व बच्चों में जग रही है.
कोरियोग्राफरों की मानें, तो डांस सीखने वालों का ग्राफ एक-दो सालों में काफी तेजी से बढ़ा है. इसका कारण है राष्ट्रीय स्तर के डांस कार्यक्रमों के ऑडिशन छोटे शहरों तक पहुंचना. ऐसे में अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे को बड़ा मंच मिले. छुट्टियों में पढ़ाई का दबाव कम होने के कारण बच्चे डांस के लिए अधिक समय निकाल पाते हैं.
करियर के तौर पर ले रहे डांस को भी
आठ वर्षो से शहर के बच्चों को डांस सीखा रहा हूं. शुरुआत में डांस सीखने वालों की संख्या बेहद कम होती थी. लेकिन, हाल के वर्षो में शहर के बच्चों व युवाओं का मूड बदला है. अब लोग डांस को गंभीरता से लेने लगे हैं. कारण है टीवी पर डांस से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेकर मशहूर होने की इच्छा. इसे भी कैरियर के तौर पर अब समझा जाने लगा है. हाल के ही वर्षो में गया में भी लोकल व प्रमंडलीय स्तर पर भी डांस प्रोग्राम होने लगे हैं. शहर का युवा व उनके अभिभावकों को एक बेहतर मंच का विकल्प मिलने लगा है. इन्हीं कारणों से शहर के लोगों में अब डांस के प्रति रुझान बढ़ रहा है.
सोनी डांसर, कोरियोग्राफर
जो बच्चे डांस सीखना चाहते हैं या फिर पहले से ही डांस सीख रहे हैं, उनके पास अपनी कला को निखारने के लिए गरमी की छुट्टी सबसे अच्छा वक्त होता है. पढ़ाई का लोड कम होने के कारण वह अपना ज्यादा ध्यान व वक्त डांस पर दे पाते हैं. यही कारण है कि इन छुट्टियों में डांस सीखने वालों की संख्या बढ़ जाती है. अभी कई ग्रुप में बच्चे डांस सीख रहे हैं. कुछ एक बड़े कार्यक्रम शहर में होनेवाले हैं, उनमें भी बेहतर प्रदर्शन करने का मौका बच्चों को मिल सकेगा.
अमित रॉय, कोरियोग्राफर