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हत्याकांड की आड़ में गबन दबाने की कोशिश!

गया: वर्ष 2011 में मानपुर के तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) सह जांच पदाधिकारी ने टनकुप्पा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, वरचैयिता, में मध्याह्न् भोजन, भवन निर्माण, बच्चों की पोशाक व छात्रवृत्ति आदि के मद में मिले लाखों रुपयों के गबन की पुष्टि (पत्रंक 344, दिनांक 25/09/2011) की थी. पर अब तक इस मामले में […]

गया: वर्ष 2011 में मानपुर के तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) सह जांच पदाधिकारी ने टनकुप्पा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, वरचैयिता, में मध्याह्न् भोजन, भवन निर्माण, बच्चों की पोशाक व छात्रवृत्ति आदि के मद में मिले लाखों रुपयों के गबन की पुष्टि (पत्रंक 344, दिनांक 25/09/2011) की थी. पर अब तक इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करायी जा सकी.
खास बात यह है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रजनी अंबष्ठा ने वरीय अधिकारियों को इस मामले में विद्यालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार निराला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की बात एक पत्र (पत्रंक 2793, दिनांक 22/05/2013) के जरिये बतायी थी. उन्होंने अधिकारियों को यह भी बता दिया कि मामला कोर्ट के अधीन है था श्री निराला जमानत पर हैं.

पत्र में यह भी कहा गया कि एक ही मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज नहीं करायी जा सकतीं. पर, ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि आरोपित के खिलाफ जिस प्राथमिकी की बात कही गयी है, उसका उसके खिलाफ गबन के आरोपों से कुछ लेना-देना ही नहीं. वह प्राथमिकी हत्या के मामले से जुड़ी है.

दर्ज है हत्या का मामला
वर्ष 2010 में ऊपरोक्त विद्यालय के ही तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार की हत्या हो गयी थी. उनके भाई अजय कुमार ने 11 अगस्त, 2010 को टनकुप्पा ओपी (थाना वजीरगंज थाना) में प्राथमिकी (कांड संख्या 188/2010) दर्ज करायी. इसी मामले में श्री निराला जेल यात्र कर चुके हैं और फिलवक्त जमानत पर हैं. उनके खिलाफ विभागीय उपयोग के लिए मिली रकम के गबन संबंधी मामले की जांच बाद में करायी गयी थी. जांच के आधार पर जांच पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को जांच रिपोर्ट (पत्रंक 344, दिनांक 25/09/2011) भी सौंप दी थी.

वजीरगंज थाना कांड संख्या 188/2010 को पूर्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती अंबष्ठा द्वारा गबन संबंधी प्राथमिकी बताया जाना किसी भी दृष्टि से सही नहीं प्रतीत होता. चूंकि संजय कुमार की हत्या का आरोपित ही गबन के मामले में भी आरोपित है, इसलिए संजय के करीबी और पारिवारिक सूत्रों को इस बात की शंका है कि हत्याकांड की आड़ में ही संभवत: गबन के मामले को दबाने की कोशिश की गयी. हत्या का आरोपित के खिलाफ गबन के मामले में अलग से कार्रवाई के लिए लंबे इंतजार के बाद मृतक (ऊपरोक्त स्कूल के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार) की विधवा रेणु कुमारी ने 30 मार्च, 2015 को जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को एक आवेदन देकर इस घालमेल की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है.

क्या है मामला
विधवा रेणु कुमारी के मुताबिक, उनके पति बीपीएससी, 1990 बैच के शिक्षक थे. वह वजीरगंज प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, बेलहंटा, में कार्यरत थे. शिक्षा विभाग ने 17 जुलाई, 2010 को प्रोन्नति देते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में उनकी पोस्टिंग टनकुप्पा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, वरचैयिता, में कर दी. उस स्कूल में तब प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत अनिल कुमार निराला को उनका आना नागवार लगने लगा. स्कूल में व्यापक स्तर पर वित्तीय गड़बड़ियां व्याप्त थीं. इनमें मध्याह्न् भोजन, भवन निर्माण, बच्चों के लिए पोशाक व छात्रवृत्ति आदि मद के लाखों की रकम भी शामिल थी. श्री कुमार ने पदभार ग्रहण करते ही एक-एक पैसे का हिसाब शुरू कर दिया. पर नयी जगह पर संजय की नौकरी एक माह भी नहीं हुई थी कि 10 अगस्त, 2010 को उनकी हत्या हो गयी. श्री कुमार के भाई अजय कुमार ने श्री निराला को ही हत्या के मामले में नामजद आरोपित बनाते हुए टनकुप्पा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी.
गबन की हुई पुष्टि
संजय कुमार की विधवा रेणु कुमारी ने 21 फरवरी 2011 को जिलाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर अनिल कुमार निराला के खिलाफ गबन के मामलों की जांच की मांग की. इसी आलोक में मानपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच पदाधिकारी बनाया गया. उन्होंने लाखों के गबन की पुष्टि करते हुए 25 सितंबर, 2011 को जांच रिपोर्ट जमा कर दी. लेकिन, जां रिपोर्ट आने के बाद भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ऊपर से श्री निराला के खिलाफ हत्या की जो प्राथमिकी उनके भाई अज कुमार ने दर्ज करायी थी, उसे ही शिक्षा विभाग ने गबन की प्राथमिकी बता कर हाथ धो लेने की कोशिश की.
बीइओ से हुई है पूछताछ
यह मामला काफी पुराना है. डीएम ऑफिस से आवेदन आने के बाद यह मेरे संज्ञान में आया है. मैंने इसे गंभीरता से लिया है. टनकुप्पा के बीइओ से भी पूछताछ हुई है. जांच पदाधिकारी नियुक्त कर मामले की जांच करायी जायेगी. इसमें जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध अवश्य कार्रवाई होगी.
डॉ प्रियनंदन प्रसाद, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना), गया

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