फोटो- 10 बोधगया 07- बोधगया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. 30 बेडवाले नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं बनाया गया रैंप संवाददाता, बोधगया बोधगया में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में संसाधनों की कमी बरकरार है. सीएचसी में नियम के अनुसार, 12 डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए. लेकिन, यहां छह डॉक्टर नियुक्त हैं. जांच के नाम पर यहां सिर्फ मलेरिया व बुखार से ग्रसित मरीजों की जांच की जाती है. बोधगया जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थल पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इसके साथ ही दो मंजिले अस्पताल में रैंप का निर्माण नहीं कराया गया है. इसके कारण मरीजों को ऑपरेशन के बाद स्ट्रेचर पर रख कर सीढि़यों के सहारे दूसरी मंजिल तक पहुंचाया जाता है. इससे मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. गौरतलब है कि विगत 23 जनवरी को मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सीएससी का उद्घाटन किया था. सीएससी के प्रभारी डॉ यूएन सिन्हा ने बताया कि यहां 12 डॉक्टरों के पद हैं. उन्होंने बताया कि अन्य जरूरी संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए विभाग के वरीय पदाधिकारियों को लिखा गया है. हालांकि, उन्होंने बताया कि डीएम संजय कुमार अग्रवाल की पहल पर स्वास्थ्य केंद्र परिसर स्थित क्वार्टरों के पुनर्निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है. जल्द ही जर्जर हो चुके भवनों को तोड़ कर नये क्वार्टर बनाये जायेंगे.
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सीएचसी में डॉक्टर व संसाधनों की कमी
फोटो- 10 बोधगया 07- बोधगया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. 30 बेडवाले नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं बनाया गया रैंप संवाददाता, बोधगया बोधगया में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में संसाधनों की कमी बरकरार है. सीएचसी में नियम के अनुसार, 12 डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए. लेकिन, यहां छह डॉक्टर नियुक्त हैं. जांच के नाम […]
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