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एमयू में ही आइआइएम खुलने की गारंटी नहीं

बोधगया: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) की स्थापना बोधगया में ही होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. आइआइएम के लिए जमीन की उपलब्धता व इसी सत्र से क्लास शुरू कराने के मद्देनजर गुरुवार को आइआइएम इंदौर के डायरेक्टर (मेंटर) प्रो ऋषिकेश कृष्णा, आइआइएम अहमदाबाद के सीनियर शिक्षक प्रो सिद्धार्थ सिन्हा, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के […]

बोधगया: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) की स्थापना बोधगया में ही होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. आइआइएम के लिए जमीन की उपलब्धता व इसी सत्र से क्लास शुरू कराने के मद्देनजर गुरुवार को आइआइएम इंदौर के डायरेक्टर (मेंटर) प्रो ऋषिकेश कृष्णा, आइआइएम अहमदाबाद के सीनियर शिक्षक प्रो सिद्धार्थ सिन्हा, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अपर सचिव डॉ अमरजीत सिन्हा, शिक्षा विभाग (बिहार) के प्रधान सचिव आरके महाजन व अन्य अधिकारियों ने एमयू कैंपस का जायजा लिया. पर, इस दौरान अधिकारियों ने अपने रुख से जो संकेत दिया, उससे मगध विश्वविद्यालय (एमयू) कैंपस में आइआइएम खुलेगा ही, यह सुनिश्चित नहीं लगता.

गुरुवार को यहां आयी टीम ने आइआइएम के लिए एमयू कैंपस के उतरी हिस्से की जमीन देखने के साथ ही दूरस्थ शिक्षा विभाग के भवन का भी निरीक्षण किया. टीम ने हॉस्टल संख्या छह का भी मुआयना किया, ताकि क्लास शुरू होने पर छात्र-छात्रओं को यहां रखा जा सके. इसके बाद टीम के सदस्यों ने एमयू के प्रतिकुलपति प्रो कृतेश्वर प्रसाद, जिलाधिकारी (डीएम) संजय कुमार अग्रवाल, एमयू के डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह, प्रॉक्टर सह प्रभारी कुलसचिव प्रो कपिलदेव सिंह व अन्य पदाधिकारियों के साथ दूरस्थ शिक्षा विभाग में ही एक बैठक भी की. इसमें डॉ अमरजीत सिन्हा ने आइआइएम की स्थापना से संबंधित पहलुओं को सबके सामने रखा. उन्होंने बताया कि फिलहाल एमयू कैंपस के किसी भवन में क्लास शुरू कराने पर सोचा जा रहा है. साथ ही निकट भविष्य में आइआइएम का भवन बनाने के लिए जमीन भी देखी जा रही है.
पटना व बिहटा में भी देखी गयी है जमीन
श्री सिन्हा ने बताया कि आइआइएम के लिए केवल एमयू कैंपस ही नहीं, बिहटा व पटना में भी जमीन देखी गयी है. कमेटी मानव संसाधन मंत्रलय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. एक माह में एचआरडी से स्वीकृति मिलने के बाद जरूरी हुआ, तो एमयू प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा. अगर आवश्यकता हुई, तो एमयू की जमीन के हस्तांतरण के लिए विश्वविद्यालय सिंडिकेट व सीनेट से भी स्वीकृति ली जायेगी. अपर सचिव ने इस दौरे को प्रारंभिक चरण के प्रयासों का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि आइआइएम की स्थापना बोधगया (एमयू कैंपस) में ही होगी, यह अभी तय नहीं है.
प्रतिकुलपति ने बताया कि टीम को एमयू कैंपस की जमीन की स्थिति व एमयू के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्यो से भी अवगत करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि टीम के सदस्यों ने फिलहाल कैंपस के उतर-पश्चिम हिस्से की जमीन व गया-डोभी रोड के पश्चिमी हिस्से में बापूनगर स्थित भूखंडों को देखा है. लेकिन, टीम ने इन भूखंडों पर आइआइएम के लिए निर्माण के बाबत कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है.
बजट का 30 फीसदी एमयू के विकास पर होगा खर्च
प्रतिकुलपति ने बताया कि आइआइएम के निर्माण के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. इस रकम का 30 प्रतिशत हिस्सा एमयू कैंपस के विकास पर खर्च किया जायेगा. इससे एमयू की भी तसवीर बदलने में सहूलियत होगी.

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