उन्हें चीवर चढ़ाया. इसके बाद बोधिवृक्ष के नीचे काफी देर तक पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं को चीवर भी दान किया. उपराष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर को एक बुद्ध की मूर्ति भेंट की. यह करीब तीन फुट की व सफेद पत्थर की बनी है.
उनके साथ महाबोधि मंदिर परिसर में साथ आये 17 सदस्यों व मीडिया के लोगों ने भी पूजा-अर्चना की. महाबोधि मंदिर के बाद उपराष्ट्रपति म्यांमार बौद्ध मठ (बर्मीज विहार) में भी बुद्ध मूर्ति के समक्ष पूजा-अर्चना की. इसके बाद वह होटल रॉयल रेसीडेंसी चले गये. जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह पांच बजे वह पुन: महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद बोधगया पीएचसी के भ्रमण के बाद बोधगया मठ व म्यांमार बौद्ध मठ में पूजा-अर्चना करेंगे. होटल में लंच के बाद विशेष विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जायेंगे.
उपराष्ट्रपति के आगमन पर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा काफी सख्त कर दी गयी थी. आगमन से आधे घंटे पहले ही आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी. मंदिर परिसर में उपराष्ट्रपति के कवरेज के लिए मीडिया के प्रवेश पर भी रोक थी. करीब डेढ़ घंटे तक महाबोधि मंदिर परिसर में समय गुजारने के कारण मंदिर के बाहर विभिन्न देशों व राज्यों से आये श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ी. उपराष्ट्रपति को बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गयी. बीटीएमसी की ओर से सचिव एन दोरजी, सदस्य डॉ अरविंद कुमार सिंह , भिक्खु चालिंदा व भिक्खु मनोज ने उनका स्वागत किया.