गया: समाहरणालय सभागार में गुरुवार को ‘लोक संवेदना अभियान’ के तहत जिला पदाधिकारी (डीएम) संजय कुमार अग्रवाल ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें आचार-व्यवहार का पाठ पढ़ाया.
बैठक में डीएम ने कहा कि काम के प्रति समर्पण ही संवेदनशीलता है. हर काम सेवा भाव से करें. हमारी नियुक्ति ही लोक सेवा के लिए हुई है. संवेदनशील बन कर जनसेवा करें. हर माह अच्छा काम करनेवाले पदाधिकारी व कर्मचारी पुरस्कृत होंगे.
बैठक में डीएम ने अधिकारियों से कहा कि लोगों की उनसे ज्यादा अपेक्षा रहती है. लोग इसकी परवाह नहीं करते हैं कि अधिकारी कितना जानते हैं. वह यह जानना चाहते हैं कि अधिकारी काम कितना अच्छा करते हैं. इसलिए हमारा कर्तव्य है कि समय पर काम का निबटारा कर दें. दफ्तर में आनेवाले या मिलनेवाले आगंतुकों का सम्मान करें. मृदुभाषी बनें. मानसिकता में बदलाव लायें. सकारात्मक सोंच के साथ काम करें.
लोगों से मिलने का समय निर्धारण करें. यह प्रयास रहे कि उस समय अधिकारी कहीं और समय न दें. काम में पारदर्शिता लायें. ऐसा कर एक अधिकारी मॉडल बन दूसरे अधिकारियों के लिए प्रेरणास्नेत बन सकता है. हर काम जमीनी स्तर पर दिखना चाहिए. डीएम ने कहा कि जन शिकायत के मामलों का निबटारा प्राथमिकता से करें. इसके लिए बेहतर से बेहतर सिस्टम विकसित करें. कार्यालय में साफ-सफाई रखें. इससे कार्यालय अलावा मन-मिजाज भी शुद्ध व साफ रहेगा. कामकाज का माहौल बनेगा. सामान व फाइलें सुव्यवस्थित होंगी तो, काम भी आसान होगा. दफ्तरों में अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम व मोबाइल नंबर अंकित करें. कार्यालय में बैठने के लिए पर्याप्त कुरसियां लगवायें. हर कार्यालय में महिला-पुरुष के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था हो. कार्यालय प्रधान के ऑफिस के सामने शिकायत पेटी लगवायें. उसे नियमित खोल कर शिकायतों पर कार्रवाई करें. श्री अग्रवाल ने कहा कि लोकसेवक बनने के लिए मुख्यालय में रहना जरूरी होगा, तभी जनसेवा का काम समय पर निबटेगा. हर काम की मासिक समीक्षा वरीय पदाधिकारी करते रहें, तो काम लंबित नहीं रहेंगे. अंत में अधीनस्थ अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वह इन बातों का अक्षरश: पालन करेंगे. डीएम ने भी आशा व्यक्त की कि ऐसा होगा, तो अगले 10 दिनों में ही कामकाज में बदलाव अवश्य दिखने लगेगा.