गया : ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्य से शुरू की गयी महिला शक्ति केंद्र जिले में अब तक नहीं चालू हो सका है. केंद्र खोलने की पूरी प्रक्रिया स्टेट लेवल पर फाइलों में ही दबी हुई है. हालांकि शुरुआत में तेजी से कवायद हुई थी. इसके तहत जिला टास्क फोर्स का भी गठन कर लिया गया था. लेकिन, इसके बाद की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई.
गौरतलब है कि महिला व बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस योजना की घोषणा की थी. इसके मद्देनजर जहां ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण से संबंधित सहायक सेवाओं को उपलब्ध कराया जाना था. साथ ही केंद्र पर आधी आबादी को सशक्तीकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया गाय था. योजनाओं की जानकारी मुहैया कराने के लिए तीन कर्मियों की बहाली होनी थी.
जिले में टास्क फोर्स का किया गया था गठन
इस योजना के लिए पिछले वर्ष ही जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था. डीएम की अध्यक्षता में बनी इस टास्क फोर्स में डीडीसी, एसडीओ गया, सिविल सर्जन, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, डीपीएम महिला विकास निगम, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका को सदस्य बनाया गया है. जबकि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी(आइसीडीएस) को संयोजक बनाया गया है.
जिले के आठ प्रखंडों का हुआ था चयन
प्रधानमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना के तहत केंद्र सरकार की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है. स्वास्थ्य, पोषण, गरीबी, आधारभूत संरचना के मापदंडों के आधार पर जिले की आठ प्रखंडों का चयन किया गया था. इसमें बेलागंज, टनकुप्पा, अतरी, खिजरसराय, परैया, कोंच, इमामगंज व डुमरिया शामिल है. गौरतलब है कि इन प्रखंडों का चयन पिछले वर्ष ही पूरा कर लिया गया था.
इस योजना के लिए प्रदेश के 14 जिलों का चयन किया गया था. इसमें गया, खगड़िया, नवादा, बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सीतामढ़ी, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, बांका, जमुई व वैशाली जिले का चयन किया गया था.