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चौपट ट्रैफिक व्यवस्था बढ़ा रही वायु प्रदूषण
बोधगया : वायु की गुणवत्ता व इसके स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर को लेकर बुधवार को बोधगया में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके वर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करनेवाले व मीडिया के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यशाला में परिचर्चा के दौरान शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के […]
बोधगया : वायु की गुणवत्ता व इसके स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर को लेकर बुधवार को बोधगया में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके वर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करनेवाले व मीडिया के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यशाला में परिचर्चा के दौरान शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारकों व इससे निजात के उपायों पर चर्चा की गयी.
इस मौके पर मुख्य रूप से गया में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप का मुख्य कारक गाड़ियों से निकलनेवाला धुआं को बताया गया. इसके लिए शहर की चौपट व लापरवाह ट्रैफिक व्यवस्था को दोषी ठहराया गया. कहा गया कि सड़कों पर अनियंत्रित परिचालन के कारण अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है. जाम की वजह से घंटो बड़े-छोट वाहनों से काफी मात्रा में निकलनेवाला धुआं वातावरण को प्रदूषित कर रहा है.
इसके साथ ही, प्लास्टिक व कचरे को जलाने, कोयले का उपयोग करने के साथ ही शहर की नालियों से निकलनेवाले कचरे का त्वरित उठाव नहीं होने व सूखे कचरे में मिली मिट्टी सहित विभिन्न जहरीले तत्वों के हवा में फैल जाने की प्रक्रिया से भी प्रदूषण बढ़ने की बात कही गयी. मुंगेर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो वर्मा ने गया के भौगोलिक स्थिति का जिक्र किया.
उन्होंने बताया कि खास कर होलिका दहन के वक्त गया की पहाड़ियों पर मौजूद झाड़ियों को जाने अंजाने में जला दिया जाता है. इससे पौधों के बीज भी जल जाते हैं और फिर से नये पौधे नहीं उग पाते हैं. साथ ही, जलने के बाद गैस, धुआं व राख शहर के वातावरण में फैल जाते हैं. उन्होंने प्लास्टिक का उपयोग करने, प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग कम करने के साथ ही वायु प्रदूषण के अन्य कारकों पर रोक लगाने की बात कही. अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रखे.
सेंटर फॉर इनवायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीइइडी) के सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ने बताया कि वायु प्रदूषण को लेकर पटना सहित अन्य शहरों में भी कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है व प्रदूषण के कारकों की पहचान की जा रही है. कार्यशाला में राय मदन किशोर, सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, गया के अध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप, पूर्व अध्यक्ष डीके जैन, गया नगर निगम के पूर्व पार्षद लालजी प्रसाद, प्रतिज्ञा संस्था के बृजनंदन पाठक व मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए.
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