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आंबेडकर जयंती आया बदलाव . बदहाली की जिंदगी से मिला छुटकारा, खिलखिला रहे मुरझाये चेहरे

राजीव आवास योजना ने बदल दी बस्ती की तस्वीर गया : -ढाई साल पहले विनोबा नगर स्थित आंबेडकर बस्ती में झोंपड़ियों में रह रहे दलित समुदाय के लोगों को कच्ची नालियाें से बहते पानी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था. उनके बीच यह चर्चा आम थी कि दलित होने के कारण इन समस्याओं […]

राजीव आवास योजना ने बदल दी बस्ती की तस्वीर

गया : -ढाई साल पहले विनोबा नगर स्थित आंबेडकर बस्ती में झोंपड़ियों में रह रहे दलित समुदाय के लोगों को कच्ची नालियाें से बहते पानी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था. उनके बीच यह चर्चा आम थी कि दलित होने के कारण इन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. लेकिन, अब हालात काफी बदल गये हैं. बस्ती में राजीव आवास योजना के तहत सभी के पक्के मकान बन चुके हैं. सड़क भी बन गयी है, बिजली भी यहां लोगों को मिल रही है. हर घर के आगे नल लगा है.
हालांकि इन सुविधाओं के बाद भी दलित समुदाय की परेशानियां कम नहीं हुई है. प्रभात खबर की टीम ने जब इस बस्ती का जायजा लिया, तो कई बातें सामने आयी. मसलन साफ पानी अभी भी लोगों की पहुंच से दूर है, नाली निकासी की समस्या है. एकमात्र स्कूल है, जहां न तो बोर्ड लगा है और ना ही बच्चों के लिए टेबल व बेंच.
नौ लाख की नाली बनी, निकासी नहीं
राजीव अावास योजना के तहत साधु मांझी के घर से भीम मांझी के घर तक पीसीसी सड़क व नाली का निर्माण करवाया गया था. नौ लाख रुपये की लागत से नाली व सड़क का निर्माण किया गया. लेकिन नाली की समुचित निकासी नहीं हुई. बस्ती के एक कोने में नाली पूरी तरह से जाम है. घरों से निकलनेवाला गंदा पानी बस्ती में हर घर के आगे जमा है. इससे यहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्कूल तो है, पर न बोर्ड और न ही बेंच-टेबल : बस्ती से थोड़ा आगे बढ़ने पर पीले रंग से पुता एक भवन है. पता चला कि यह सरकारी विद्यालय है. कहीं भी विद्यालय का नाम अंकित नहीं है. बाहर की ओर एक कमरे पर ताला लटका है. वहीं, अंदर की ओर जाने पर एक व्यक्ति सोता दिखायी दिया. जगह-जगह गंदगी पसरी है. न यहां बोर्ड दिखा और न ही बच्चों के बैठने के लिए टेबल व बेंच. स्कूल में बिजली की व्यवस्था भी नहीं है. बस्ती के लोगों ने बताया कि यहां कोई पढ़ाने नहीं आता है. यहां कई परिवारों का राशन कार्ड नहीं बना है. आठ से दस परिवारों पर महज एक के पास ही राशन कार्ड है. इसके लिए लोगों ने वार्ड पार्षद, एसडीओ कार्यालय सब जगह चक्कर लगाया है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बस्ती वालों ने बताया कि उन्हें हर बार कहा जाता है कि राशन कार्ड बन जायेगा, लेकिन किसी का राशन नहीं बनाया जाता.
चापाकल से आता है दुर्गंधवाला पानी
राजीव अावास योजना के तहत यहां पूर्व वार्ड पार्षद भीम यादव के द्वारा मिनी वाटर टैंक लगाया गया है. इससे हर घर को नल का कनेक्शन दिया गया है. लोग कहते हैं कि पानी तो ठीक आता है. लेकिन, जो चापाकल यहां गड़ा है उसका पानी काफी खराब है. कपड़े व बर्तन धोने के अलावा उस पानी का इस्तेमाल खाना बनाने में तो बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता है. यहां साफ -सफाई की स्थिति भी खराब है.
पहले के मुकाबले अब कुछ सुधरा है. पक्का मकान, पक्की सड़क, बिजली की सुविधा यहां लोगों को मिल रही है. राशन कार्ड नहीं होने से कई लोग अनाज से वंचित हैं.
लीला देवी
आंबेडकर छात्रावास की मरम्मत व सुविधाओं की दरकार
बुनियादी समस्या से जूझ रहे छात्र
यहां कई सालों से छात्र बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. सैकड़ों बार आवेदन आला अधिकारियों को दिया जा चुका है, लेकिन उन आवेदनों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है.
मिथिलेश, छात्र
छात्रावास के कई कमरे जर्जर हैं. रहने में भी कई बार डर लगता है कि कहीं कोई हादसा नहीं हो जाये. साफ-सफाई भी यहां नियमित नहीं करायी जाती है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
देवेंद्र कुमार,छात्र
अफसर नहीं देते सुविधाओं पर ध्यान
यहां डेढ़ हजार छात्र रहते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का बहुत ध्यान नहीं है. छात्र चाहते हैं कि उन्हें भी दूसरे छात्रावास की तरह ही सुविधाएं मिले.
लहेश कुमार, छात्र
गया जिला
कोर्ट व जेल बनाये जाने को लेकर स्थल निरीक्षण
कई वर्षों से न्यायालय स्थापना की हो रही प्रतीक्षा
टिकारी अनुमंडल क्षेत्र के लोग अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय की स्थापना को लेकर कई वर्षों से प्रतीक्षा में हैं. हाल यह है कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर टिकारी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का चयन कर रंगरोगन कर व्यवहार न्यायालय का बोर्ड भी लगा दिया गया है. गौरतलब है कि विगत वर्ष के जून में तत्कालीन जिला जज संजय मंदिरवार व तत्कालीन डीएम कुमार रवि ने उक्त भवन का जायजा लिया था और मातहतों को आवश्यक निर्देश दिये थे. जिला जज व डीएम ने भूमि का चयन कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही गयी है.

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