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निगम परिसर से फिर नहीं हटायी गयीं झुग्गियां, मजिस्ट्रेट करते रहे इंतजार

निगम हर बार के मजिस्ट्रेट व पुलिस बल नहीं मिलने का बनाता था बहाना इस बार मौके पर नहीं पहुंचे निगम के अधिकारी व कर्मचारी गया : करीब 20 वर्षों से निगम कार्यालय परिसर में झुग्गी बनाकर रह रहे लोगों को हटाने का प्रयास एक बार फिर गुरुवार को विफल हो गया. हर बार निगम […]

निगम हर बार के मजिस्ट्रेट व पुलिस बल नहीं मिलने का बनाता था बहाना

इस बार मौके पर नहीं पहुंचे निगम के अधिकारी व कर्मचारी
गया : करीब 20 वर्षों से निगम कार्यालय परिसर में झुग्गी बनाकर रह रहे लोगों को हटाने का प्रयास एक बार फिर गुरुवार को विफल हो गया. हर बार निगम के अधिकारी व कर्मचारी मजिस्ट्रेट व पुलिस बल नहीं मिलने का बहाना बनाते थे. लेकिन, इस बार पुलिस बल के साथ अधिकारी व मजिस्ट्रेट पहुंच गये और निगम के अधिकारी ही समय पर नहीं पहुंच सके. यहां पहुंचे नगर अंचल निरीक्षक सह मजिस्ट्रेट अरुण कुमार ने कहा कि हमलोग सिर्फ यहां पर किसी तरह का विवाद न हो, इसका इंतजाम कर सकते हैं. यहां से झोंपड़ियों को हटाने के लिए निगम के अधिकारी को ही मजदूर व अन्य संसाधन जुटाना होगा. हालांकि झोंपड़ी लगा कर रह रहे लोगों को मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी ने स्वत: खाली कर लेने के लिए बहुत समझाया. लेकिन, वे लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे.
यहां मौजूद लोगों का कहना है कि करीब एक घंटे तक पुलिस व अधिकारी यहां इंतजार करते रहे, लेकिन कई बार बात करने के बाद भी निगम के अधिकारी यहां नहीं पहुंच सके. अंत में नगर आयुक्त से जब मजिस्ट्रेट ने फोन पर बात की, तो वहां से सफाई प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा निगम कार्यालय पहुंचे. इधर, नगर आयुक्त जनार्दन अग्रवाल ने कहा कि लेट से पुलिस व मजिस्ट्रेट पहुंचने के कारण गुरुवार को यहां से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका. दोबारा अभियान चलाने के लिए सदर एसडीओ से बात की जा रही है.
हर बार होता है ड्रामा : बुधवार की शाम व गुरुवार की सुबह निगम कार्यालय से पार्षदों को फोन कर कहा गया कि झुग्गी हटाने के लिए बैठक 11 बजे दिन में आयोजित की जायेगी. बैठक में शामिल होने के लिए कई पार्षद निगम कार्यालय पहुंच भी गये, लेकिन मेयर, डिप्टी मेयर या फिर कोई अधिकारी ही पहुंच सके. दिन ढलते ही कई पार्षदों ने इतना तक कह दिया कि अधिकारी ही निगम की जमीन खाली कराना नहीं चाहते हैं. सम्राट अशोक भवन बनाने के लिए एक वर्ष से पैसा आया हुआ है, लेकिन अधिकारी यहां की जमीन खाली करा कर ठेकेदार को नहीं दे सके. गौरतलब है कि यहां से झोंपड़ी हटाने के लिए यहां रह रहे लोगों को पिछले दिनों तीन-तीन हजार रुपये भी निगम के आंतरिक श्रोत से दिये गये हैं.
सीपीआई नेता ने झुग्गियों को हटाने का किया विरोध
सीपीआई नेता अमृत प्रसाद निगम कार्यालय पहुंच कर यहां से बिना रहने का इंतजाम किये झुग्गी को हटाने का विरोध किया. श्री प्रसाद ने कहा कि निगम ने कई बार अपनी योजना के तहत इन लोगों को मकान बना कर देने का वादा किया है. लेकिन, बिना नोटिस दिये ही शाम को यहां से लोगों को उजाड़ने के लिए पहुंच गये. इधर कई कर्मचारियों ने प्रसाद के निगम हित के विरोध में उतरने पर टिका-टिप्पणी भी की. कर्मचारियों का कहना था कि निगम में श्री प्रसाद कर्मचारी यूनियन के नेता हैं. उन्हें निगम हित की बात सोचनी चाहिए. अशोक सम्राट भवन बनने के बाद यहां के कर्मचारियों को जर्जर भवन में काम करने से मुक्ति मिल जायेगी.

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