गया : भाकपा (सीपीआई) के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे पूर्व सांसद जलालुद्दीन अंसारी का इंतकाल हो गया. रविवार की रात करीब दो बजे गया शहर स्थित रंग बहादुर रोड गंगा महल के पास अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. एक साल से बीमार चल रहे जलालुद्दीन अंसारी 75 साल के थे. वह वर्ष 1994 से 2000 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. सोमवार की शाम करबला स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिये गये.
मुख्यमंत्री ने व्यक्त की गहरी शोक संवेदना : पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलालुद्दीन अंसारी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक प्रख्यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
निधन पर लालू प्रसाद ने जताया शोक : राजद सुप्रीमो श्री लालू प्रसाद ने पूर्व सांसद जलालुद्दीन अंसारी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री व विधायक तेज प्रताप यादव, राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है़
वामपंथी नेताओं ने जताया दुख : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद और भाकपा पूर्व राज्य सचिव जलालुद्दीन अंसारी के निधन की खबर सुनते ही पार्टी सदस्यों, हमदर्दों, शुभचिंतकों में शोक की कहर फैल गयी. पार्टी के राज्य कार्यालय और राज्य के सभी जिला कार्यालयों पर उनके सम्मान में झंडे झुका दिये गये. अंसारी के निधन पर भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने टेलीफोन पर गहरा दुख व्यक्त किया. वहीं भाकपा राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह सहित राज्य सचिवमंडल ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया.
भाकपा माले नेताओं ने जताया शोक : भाकपा माले की ओर से पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है. उन्होंने कहा कि उनके निधन से वामपंथ ने अपना एक सिपाही खो दिया है.
माकपा नेताओं ने बताया वामपंथ के लिए क्षति : माकपा नेताओं ने कहा कि इस समय देश के सामने फासीवादी ताकतें एक चुनौती के रूप में खड़ी हैं. महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है.
गरीबों और मेहनतकशों का अधिकार छीना जा रहा है. ऐसी स्थिति में जलालुद्दीन अंसारी का निधन कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति है. इसके साथ ही माकपा राज्य कार्यालय जमाल रोड में एक शोकसभा आयोजित की गयी. इसमें पार्टी राज्य सचिव मंडल सदस्य रामपरी, गणेश शंकर सिंह, कृष्णकांत सिंह, देवेंद्र चौरसिया, नरेश, विराज, दीपक, प्रवीण कुमार आदि शामिल हुए.
उनके नेतृत्व में हुआ था छात्र आंदोलन : भाकपा नेताओं ने कहा कि जलालुद्दीन अंसारी का जन्म अरवल जिले के बैदराबाद गांव में 17 नवंबर, 1942 को हुआ था. उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन 1965-66 में बिहार के छात्र आंदोलन से शुरू हुआ. इसके पहले ही वे भाकपा से 1960 में जुड़ गये थे. उनके नेतृत्व में 1965-66 का छात्र आंदोलन ऐतिहासिक राजनीतिक घटना के रूप में याद किया जाता है.
उन दिनों वे ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन की बिहार इकाई के अध्यक्ष थे. इसी छात्र आंदोलन की बदौलत बिहार में पहली बार कांग्रेस पार्टी सरकार से बाहर हो गयी. वे कई वर्षों तक बिहार में भाकपा के राज्य सचिव भी रहे. वे लंबे समय तक पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी रहे और बाद में वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में भी निर्वाचित हुए. उनका संबंध शोषित पीड़ित जनता के साथ ही किसानों से भी रहा है.