दरभंगा : उत्तर बिहार का सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पर एक बार फिर से एमसीआइ की तलवार लटक गई है. 11 अप्रैल को एमसीआइ इ की तीन सदस्यीय टीम द्वारा डीएमसीएच में किये गये निरीक्षण रिपोर्ट कुछ यूं ही बयां कर रही है. एमसीआइ के संयुक्त सचिव डॉ. राजेन्द्र वाबले द्वारा डीएमसी के प्राचार्य को भेजे निरीक्षण रिपोर्ट में उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि बार-बार किये गये निरीक्षण के बाद भी संस्थान की कमियां दूर नहीं हुई है. संयुक्त सचिव ने लिखा है कि निरीक्षण रिपोर्ट का आकलन करने पर एमसीआइ के एक्सक्यूटिव कमेटी ने डीएमसी में एमबीबीएस की मान्यता आगे बहाल करने पर अपनी सहमति नहीं व्यक्त की.
इसके लिये संयुक्त सचिव ने एक महीने के भीतर कमियां को दूर कर कंप्लायंस रिपोर्ट देने के निर्देश दिये हैं. एमबीबीएस के बढ़े दस सीट व एमबीबीएस की मान्यता को लेकर एमसीआइ वर्ष 2012 के 24 व 25 अगस्त के बाद लगातार निरीक्षण कर रही है. अंतिम निरीक्षण 11 अप्रैल 2017 के बाद भी डीएमसी प्रशासन कॉलेज व अस्पताल की कमियां को दूर नहीं कर सकी. एक बार फिर एमसीआइ ने तेवर तल्ख कर दिये हैं. एमसीआइ ने इन कमियों को दूर करने के लिये एक महीना का समय दिया है. अगर निर्धारित समय में भी इन कमियों को दूर नहीं किया गया तो एमसीआइ की मान्यता समाप्त होने का खतरा मंडरा सकता है.
रेजिडेंट व सीनियर नर्सिंग स्टाफ की कमी पर उठाये सवाल
एमसीआइ द्वारा बार-बार सवाल उठाने के के बाद भी डीएमसीएच में रेजिडेंट व सीनियर नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि डीएमसीएच में 10.14 फीसदी रेजिडेंट चिकित्सकों की कमी है. इस कारण मरीजों के इलाज में भारी परेशानी होती है. वहीं नियम के तहत सीनियर नर्सिंग स्टाफ नहीं होने पर एमसीआइ ने तीखी टिप्पणी की है.
बताया गया है कि इस कारण मरीजों का सही से फॉलोअप नहीं हो पाता है.
ओटी व आइसीयू की खराब स्थिति पर चिंता: डीएमसीएच के जेनरल सर्जरी ओटी और आईसीयू की बदहाल स्थिति पर एससीआइ ने तीखी टिप्पणी की है. बदहाल ओटी और आइसीयू के कारण गंभीर मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चलता है.
पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त होने पर जतायी आपत्ति
रेडियोलॉजी विभाग का पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन की अवधि 31 दिसंबर 2016 को ही समाप्त होने पर एससीआइ ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की. आइआइटीवी और फल्यूरोस्कोपी कार्यरत नहीं होने और महज एक मोबाइल एक्स-रे पर भी नाराजगी व्यक्त की गई है.
ओपीडी में संकीर्ण जगह पर उठाये सवाल: डीएमसीएच के आउटडोर में मरीजों की संख्या के हिसाब से जगह नहीं होने पर सवाल उठाये हैं. कहा गया है कि ओपीडी काफी संकीर्ण है.
वहीं सेंट्रल लाइब्रेरी के लिये भी समुचित जगह की कमी पर सवाल उठाये गये हैं.
सफाई की बदतर स्थिति पर तीखी टिप्पणी: रिपोर्ट में डीएमसीएच की साफ-सफाई की बदतर हालत पर तीखी टिप्पणी की गई है. कहा गया है कि परिसर चारों तरफ से गंदगी से पटा हुआ है. कहीं भी मरीजों के लिये सुरक्षित जगह नजर नहीं आ रही है.
रूरल हेल्थ सेंटर बदहाल
डीएमसीएच का रूरल हेल्थ सेंटर कल्याणपुर की बदहाल स्थित पर भी एससीआइ ने तल्ख टिप्पणी की है. कहा है कि रूरल हेल्थ सेंटर कार्यरत नहीं है. वहीं महिला मेडिकल ऑफिसर नहीं रहने पर भी आपत्ति व्यक्त की गई है. साथ ही वहां कोल्ड चेन, स्पेश्लिस्ट चिकित्सक, टीकाकरण, फैमिली प्लानिंग का सर्वे रजिस्टर तक वहां उपलब्ध नहीं होने पर एससीआइ ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है.