दरभंगा : शहर के लालबाग मुहल्ला निवासी रेवती मिश्र को साहित्य अकादमी की ओर से अनुवाद पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. डॉ जयकांत मिश्र की पुस्तक इंट्रोडक्शन टू द फोक लिटरेचर ऑफ मिथिला का मिथिलाक लोक साहित्यक भूमिका नाम से मैथिली में अनुवाद करने के लिए उन्हें 2016 के साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार […]
दरभंगा : शहर के लालबाग मुहल्ला निवासी रेवती मिश्र को साहित्य अकादमी की ओर से अनुवाद पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. डॉ जयकांत मिश्र की पुस्तक इंट्रोडक्शन टू द फोक लिटरेचर ऑफ मिथिला का मिथिलाक लोक साहित्यक भूमिका नाम से मैथिली में अनुवाद करने के लिए उन्हें 2016 के साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार प्रदान किया जायेगा.
यह जानकारी साहित्य अकादमी में मैथिली की प्रतिनिधि डॉ वीणा ठाकुर ने दी है. इसकी घोषणा मंगलवार को दिल्ली में अकादमी की कार्यसमिति की बैठक के बाद की गयी. उल्लेखनीय है कि रेवती मिश्र प्रथम महिला हैं, जिन्हें मैथिली के लिए अनुवाद पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. मैथिली में यह 26वां अनुवाद पुरस्कार होगा. सोमवार को निर्णायक मंडल की हुई बैठक में डॉ केष्कर ठाकुर, डॉ योगानंद झा एवं डॉ इंदिरा झा ने रेवती मिश्र की पुस्तक का चयन पुरस्कार के लिए किया.
रेवती मिश्र का जन्म 7 जनवरी, 1960 को हुआ. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एमए रेवती मिश्र के पिता डॉ जयकांत मिश्र मैथिली के प्रथम इतिहासकार हैं. इनके पति पंचानन मिश्र भी मैथिली के लेखक आैर झारखंड सरकार से सेवानिवृत अधिकारी हैं. यह मूल लेखन रूप से अनुवाद करती रही हैं. अभी बंगला उपन्यास दाराशिकोह का अनुवाद
रेवती को साहित्य
वह कर रही हैं. इनकी रचना बागमती दामोदर टाइम्स, सान्ध्य गोष्ठी, प्रवासी आदि में प्रकाशित हैं. पुरस्कार के लिए इनके चयन पर ऋचालोक संस्था के महासचिव एवं साहित्यकार अमलेंदु शेखर पाठक, आनंद संस्था के डाॅ दिलीप कुमार झा, किरण मैथिली साहित्य शोध संस्थान के सचिव डॉक्टर सती रमन, डॉक्टर राम जी ठाकुर, प्रो रामचंद्र मिश्र मधुकर, प्रो केदारनाथ झा आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है.
अनुवाद पुरस्कार पानेवाली मैथिली की पहली महिला
अंगरेजी पुस्तक के मैथिली अनुवाद के लिए हुआ चयन