खरना: शनिवार पांच नवंबर
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महापर्व छठ शुरू आस्था का पर्व. व्रतियों ने ग्रहण किया अरवा भोजन
खरना: शनिवार पांच नवंबर सांध्यकालीन अर्घ: रविवार छह नवंबर प्रात:कालीन अर्घ: सोमवार सात नवंबर सूर्यास्त: 5.27 बजे ,छह नवंबर सूर्योदय: 6.33 बजे,सात नवंबर दरभंगा : नहाय-खाय के संग लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से विधिवत आरंभ हो गया. अहले सुबह व्रतियों ने पवित्र जल में स्नान किया. लिहाजा नदी-तालाब के किनारे खासकर महिला व्रतियों […]
सांध्यकालीन अर्घ: रविवार छह नवंबर
प्रात:कालीन अर्घ: सोमवार सात नवंबर
सूर्यास्त: 5.27 बजे ,छह नवंबर
सूर्योदय: 6.33 बजे,सात नवंबर
दरभंगा : नहाय-खाय के संग लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से विधिवत आरंभ हो गया. अहले सुबह व्रतियों ने पवित्र जल में स्नान किया. लिहाजा नदी-तालाब के किनारे खासकर महिला व्रतियों की भीड़ सुबह से ही लगी नजर आयी. स्नान के पश्चात वहीं प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. नये वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना की. इसके पश्चात मिट्टी के नये चूल्हे पर अरबा भोजन पकाया. मालूम हो कि नहाय-खाय के दिन अरबा भोजन ग्रहण करने की परंपरा है. इसके तहत व्रतियों ने अरबा चावल का भात, मूंग की दाल, कद्दू तथा अन्य हरी सब्जी खायी. पूरा खाना शुद्ध घी में पकाया गया, जिसमें हल्दी का प्रयोग वर्जित रहा.
उल्लेखनीय है कि चार दिनों तक नियम-निष्ठा के संग इस पर्व को व्रतियों के साथ पूरा परिवार संपन्न करेगा. शनिवार को व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास करेंगे. संध्याकाल नैवेद्य लगाकर खरना करेंगे. गोसाउनिक घर में केले के पत्ते पर अर्घ्य की संख्या के अनुरूप नैवेद्य लगाया जायेगा. दीप, धूप, अगरबत्ती आदि जलाकर वहां प्रसाद भोग लगाया जायेगा. इसके बाद बिना नमक का प्रसाद व्रती ग्रहण करेंगे. इसमें रोटी, खीर, केला, दूध आदि की प्रधानता रहती है. इसके बाद रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण के संग सोमवार की सुबह भगवान भाष्कर को अर्घ्य समर्पित किया जायेगा. इसके साथ ही लोक आस्था का यह महापर्व
संपन्न होगा.
इधर व्रती परिवार के बच्चे व युवा पूरे दिन जहां घाट तैयार कर उसकी साज-सज्जा में लगे रहे, वहीं बड़े-बुजुर्ग पूजन सामग्री की खरीदारी में व्यस्त रहे. केला, फल, नारियल, आरतक पात, सिंघारा, ईख आदि की खरीदारी की. लिहाजा बाजार में सुबह से ही दुकानों पर ग्राहकों का तांता लग गया. दरभंगा टावर के गुदरी, लहेरियासराय गुदरी, बाकरगंज, कटहलबाड़ी, लक्ष्मीसागर, कादिराबाद, उर्दू आदि स्थानों पर देर रात तक खरीदारों की भीड़ जमा रही.
खरना आज सांध्यकालीन अर्घ कल
खरना के लिए गेहूं सुखातीं व्रती महिलाएं.
दउरा व डगरा की खरीदारी करते व्रती.
गांवों में भी गूंज रहे छठ के गीत
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