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चिटफंड कंपनी का दूसरा अन्ना गिरफ्तार

कार्रवाई . छापेमारी में पुलिस को कागजात के सिवाय कुछ नहीं िमला, खुले कई राज ननमैट्रिक है कंपनी का डायरेक्टर पहले भी लोगों को ठग चुकी हैं कंपनियां दरभंगा : लहेरियासराय पुलिस ने इमामबाड़ी मुहल्ले से चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर को सही वक्त पर गिरफ्तार कर सैंकड़ों लोगों को लूटने से बचा लिया. समय रहते […]

कार्रवाई . छापेमारी में पुलिस को कागजात के सिवाय कुछ नहीं िमला, खुले कई राज

ननमैट्रिक है कंपनी का डायरेक्टर
पहले भी लोगों को ठग चुकी हैं कंपनियां
दरभंगा : लहेरियासराय पुलिस ने इमामबाड़ी मुहल्ले से चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर को सही वक्त पर गिरफ्तार कर सैंकड़ों लोगों को लूटने से बचा लिया. समय रहते यह गिरफ्तारी नहीं होती तो चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर समस्तीपुरजिला के कल्याणपुर थाने के मुसेपुर गांव निवासी धर्मेन्द्र राय जिले का दूसरा अन्ना बन जाता. एक अन्ना पहले मिर्जापुर चौक के सकमापुल से वर्ष 1998में स्थानीय लोगों का करोड़ों रुपये का चंपत लगाकर गायब हो चुका है.
उस समय अन्ना लोगों को आलमीरा, फ्रीज, टीवी देकर सम्माहित किया था. जब शहर में इस बात की चर्चा हुई तो उसके यहां लेागों की भीड़ जुटने लगी. अन्ना पैसा लेकर रसीद देता गया. हजारों लोगों ने दस हजार से लेकर एक लाख रुपये सामान खरीदने को लेकर जमा किया. वजह था कि कई लोगों को कम दाम पर सामान दिया गया था. बाद में पता चला कि कंपनी लोगों का पैसा लेकर फरार हो गयी. लोगों ने थाने में शिकायत की. पुलिस छापेमारी की तो कुछ कागजात के शिवाय कुछ हाथ नहीं लगा. अन्ना के विरुद्ध अबतक वारंट लंबित है. चेन्नई के पते पर उसका वारंट निर्गत है.
इसी प्रकार धर्मेन्द्र ने खुद पुलिस को बताया कि वह कई लोगों को फ्रीज एवं टीवी के लिए ऋण दिया है. उसने बताया कि वह ग्रुप के माध्यम से 50 हजार रुपये ऋण लेने वालों से 12 सौ अथवा 35 सौ रुपये लेता था. वहीं एक लाख ऋण लेने वालों से सात हजार रुपये लेता था. धर्मेन्द्र ने कहा कि पैसों की जो वसूली हुई उससे वह चार-पांच लोगों को टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन दिया है. इससे डेढ़ प्रतिशत मासिक ब्याज लेना है. उसने बताया कि उसे दो लाख 75 हजार रुपये अबतक प्राप्त हुये हैं. इसमें डेढ़ लाख रुपये ऋण दे चुका है. यह पूछने पर कि कंपनी रजिस्टर्ड है, तो उसने कहा कि कंपनी रजिस्टर्ड एवं ऑनलाइन है पर उसे यह पता नहीं है कि फायनांसियल काम नहीं करना चाहिए था. उसके चार्टर एकाउंटेट ने सलाह दिया था
कि इस कंपनी के रजिस्टर पर यह काम किया जा सकता है. इधर धर्मेन्द्र के पकड़े जाने के बाद सैंकड़ों महिलाएं थाने पहुंच गयी. बाकरगंज मुहल्ला की मुन्नी देवी ने कहा कि छह व्यक्ति का ग्रुप उसने बनाया था. सभी से 12 सौ से 35 सौ रुपये प्रति व्यक्ति कंपनी द्वारा लिया गया और कहा गया कि दो सितंबर को 50 हजार रुपये का ऋण सभी को मिल जायेगा. मुन्नी ने कहा कि उसके पति को फाइलेरिया है. उसे सात सितंबर को दिल्ली स्थित दीन दयाल अग्रवाल अस्पताल जाना है. जो भी पैसे थे वह कंपनी को दे दिया, अब कैसे जायेंगे. इधर एपीएम थाना क्षेत्र के गोपीपट्टी निवासी राम प्रवेश चौधरी के पुत्र अनील कुमार का कहना है कि 18 आदमी का समूह था. सभी से 12 सौ रुपये लिया गया है.
इधर खुद को कंपनी का अभिकर्ता बताते हुए बहादुरपुर थाना के तारालाही गांव निवासी मो मुस्तफा की पत्नी नूरजहां खातुन ने कहा कि वह 35 महिलाओं का ग्रुप बनाकर कंपनी को दी थी. इसमें 30 महिलाओं से 12 सौ एवं पांच लोगों से 35-35 सौ कंपनी ने लिया है. इसी तरह कई पीड़ित ने कहा कि जितने लोगों से कंपनी ने प्रोसेसिंग के नाम पर पैसा लिया, उसे सभी को चेक काटकर कंपनी ने दे दिया. दो सितंबर की तिथि चेक पर रहने के कारण जब पैसा लेने बैंक पहुंचे तो खाते में पैसा नहीं रहने के कारण सभी को लौटना पड़ा.
चिटफंड कंपनी को लेकर वरीय पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक पदाधिकारी लोगों को हमेशा सचेत करते आये हैं. बावजूद इसके चिटफंड कंपनी अपना कारोबार कर रही है. एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि ऋण देने के नाम पर इमामगंज मुहल्ला स्थित गोल्ड विजन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लोगों से पैसे की ठगी की जा रही है. इसी सूचना पर वे एवं लहेरियासराय थानाध्यक्ष जेपी सिंह एवं कई पुलिसकर्मी कंपनी पर छापेमारी कर डायरेक्टर को धर दबोचा है. थानाध्यक्ष जेपी सिंह ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.
दर्जनों लोग ठगी के शिकार
धर्मेंद्र बोला, मैं तो सिर्फ मोटिवेटर
धर्मेन्द्र ने कहा कि वह मोटीवेटर है. कई कंपनियां उसे मोटीवेट करने के लिए मिटिंग में बुलाती है. धर्मेन्द्र ने यह भी कहा कि वह ननमैट्रिक है. उसकी समझ-बूझ उतनी नहीं है.
लेकिन दूसरे को मोटीवेज अच्छा से कर देता है. उसने कहा कि एक माह पूर्व ही ऑफिस खोला है और सोमवार को ही उसका मकान मालिक से एग्रीमेंट हुआ है. धर्मेन्द्र ने बताया कि उसके ऑफिस में दस दिन पूर्व ही फैजल उर्फ आर्यन एवं श्वेता झा नामक लड़की बतौर स्टाफ आयी है, लेकिन इन सबकी नीयत अच्छी नहीं थी. ऑफिस का देखभाल राजन करता है.

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