कार्रवाई मब्बी ओपी अध्यक्ष के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी, हीरा हत्याकांड में रिमांड पर लेगी पुलिस
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शातिर अपराधी करतार को भेजा गया जेल
कार्रवाई मब्बी ओपी अध्यक्ष के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी, हीरा हत्याकांड में रिमांड पर लेगी पुलिस दरभंगा : मब्बी क्षेत्र के दो कारवाईन एवं भारी मात्रा में गोली बरामद मामले में शातिर अपराधकर्मी करतार सिंह को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मब्बी ओपी अध्यक्ष कुंदन कुमार सिंह के बयान पर करतार […]
दरभंगा : मब्बी क्षेत्र के दो कारवाईन एवं भारी मात्रा में गोली बरामद मामले में शातिर अपराधकर्मी करतार सिंह को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मब्बी ओपी अध्यक्ष कुंदन कुमार सिंह के बयान पर करतार के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है. मब्बी ओपी क्षेत्र के चक्का निवासी हीरा पासवान हत्याकांड में उसे रिमांड पर लेकर अब पुलिस पूछताछ करेगी. करतार ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि पूर्व में वह एक रिवाल्वर एवं एक कट्टा लेकर यहां आया था.
इस बीच वह रिवाल्वर रमण सिंह को देकर चला गया था. सौदेबाजी 25 हजार रूपये में हो गयी थी. इसी बीच मब्बी पुलिस ने उक्त हथियार के साथ उसे पकड़ लिया है. करतार ने पुलिस को बताया कि उसका दुश्मन बहुत है, इस कारण वह इतना हथियार लेकर यहां आया था,ताकि अपनी सुरक्षा कर सके. पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
पकड़ाने से पूर्व करतार ने चलायी गोली : पुलिस के मुताबिक जिस वक्त वह करतार का पीछा कर रही थी, उस वक्त उसने एक फायर भी किया. पुलिस कर्मी इस हमले में बाल-बाल बच गये.
पुरस्कृत होंगे मब्बी ओपी अध्यक्ष : इस हत्याकांड में शामिल सभी अपराधियों को पकड़ने के लिए मब्बी ओपी प्रभारी कुंदन कुमार सिंह ने एड़ी-चोटी एक कर दिया था. इस सफलता को लेकर एसएसपी ने श्री सिंह एवं उनकी टीम को पुरस्कृत करने की बात कही है.
री-ओपन हो सकता है प्रोफेसर का मामला
इस पूरे प्रकरण के बाद एक सवाल उठता है कि पूर्व के चर्चित अपराध कर्मी विपिन सिंह उर्फ विपिन ईश्वर उर्फ प्रोफेसर के सभी पुराने मामले री ओपन हो सकते हैं क्या. न्यायालय ने विपिन को वर्ष 2008 में ही क्लीन चिट दे दिया था. कई हत्या व रंगदारी मामले के आरोपी विपिन के विरूद्ध एक भी गवाह नहीं उपस्थित होने के कारण उसे बरी कर दिया गया था. जितने मामलों में विपिन आरोपी था,
उतने मामलों में करतार की भूमिका भी अहम थी. उन मामलों को पुलिस फिर से देख सकती है.
गवाह खोजना होगा अहम : एसएसपी सत्यवीर सिंह ने करीब एक दर्जन मामले में करतार की भूमिका का जिक्र किया है. ऐसे मामलों में भी अब गवाही अहम है. यदि करतार के विरूद्ध भी ऐसे सभी हत्या मामलों में गवाह की उपस्थिति नहीं हुई तो पुलिस के लिए यह सिरदर्द जरूर होगा.
शरण देने वालों पर पुलिस की नजर
सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने बताया कि विपिन का बंदा, जगन्नाथपुर एवं देकुली में संबंध है. एसडीपीओ ने कहा कि उस इलाके के चर्चित मुखिया समेत अन्य लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इसके अलावा डरहार, कबिलपुर, सिनुआर, मब्बी, राजकुमारगंज आदि मोहल्ले में कई ऐसे लोग हैं, जिसके यहां करतार का पूर्व में भी आना-जाना रहा है. ऐसे सभी लोगों को चिन्हित किया जा रहा है.
धंधा बंद होने पर भी मिलती रही रंगदारी
1997 से लेकर 2006 तक का ऐसा वक्त था जब विपिन एवं करतार के नाम की तूती थी. हालांकि 2002-2003 के बाद विपिन के गैंग से बबलू, राकेश अलग हो गया था. कुछ ही दिन बार करतार का भी अता-पता नहीं रहा. लेकिन विपिन की किस्मत देखिये सभी जब अपने-अपने रास्ते हो गये थे उसके बाद भी करीब चार साल तक यहां के इंजीनियर एवं ठेकेदार विपिन को रंगदारी दे रहे थे. जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी या ग्रामीण सड़क योजना कोई भी टेंडर हो उसका पांच प्रतिशत विपिन को रंगदारी के रूप में मिलता रहा. उस वक्त इन सभी विभागों को मिलाकर पांच से छह सौ करोड़ का टेंडर एक जिला से निकलता था. दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर जिलों के कुल प्राक्कलन राशि को जोड़कर पांच प्रतिशत देखा जाए तो करोड़ों में उगाही हुई होगी. टेंडर मैनेज ही इसका मुख्य धंधा था.
हीरा हत्याकांड से उठा परदा
हीरा हत्याकांड में पुलिस तीन लोगों को पूर्व में न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है. इसमें संजीव कुमार सिंह, रमण सिंह एवं छोटू झा शामिल है. पुलिस का कहना है कि करतार के पकड़े जाने के बाद इस हत्याकांड से पर्दा उठ गया. पुलिस का कहना है कि भूमि विवाद में लेन-देन को लेकर हीरा की हत्या हुई थी.
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