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वोल्टेज-एस्टेबलाइजर के अभाव में नयी एक्सरे यूनिट नहीं हुई चालू

डीएमसीएच में उद‍्घाटन पर फिरा पानी दो सालों से पड़ी है लाखों की मशीन दरभंगा : डीएमसीएच के लाखों रूपये की नये मशीनों में ताले लगने की नीयति बन गयी है. इसी कड़ी में नवनिर्मित एक्सरे यूनिट भी जुट गया है. अब इस यूनिट को चालू करने के लिए कहा जा रहा है कि वोल्टेज […]

डीएमसीएच में उद‍्घाटन पर फिरा पानी

दो सालों से पड़ी है लाखों की मशीन
दरभंगा : डीएमसीएच के लाखों रूपये की नये मशीनों में ताले लगने की नीयति बन गयी है. इसी कड़ी में नवनिर्मित एक्सरे यूनिट भी जुट गया है. अब इस यूनिट को चालू करने के लिए कहा जा रहा है कि वोल्टेज एस्टेबलाइजर आयेगा तो चालू होगा. डीएम डॉ़ चंद्रशेखर सिंह के काफी मशक्कत से दो साल से पड़े इस मशीन को ऑन करने के लिए प्रक्रिया समाप्त कराया गया. बावजूद इसके जब चालू करने की बारी आयी तो मशीन के इंजीनियर ने एक टूक में जवाब दे दिया कि अब इस मशीन को ऑन करने के लिए वोल्टेज एस्टेबलाइजर की आवश्यकता है.
चालू करने में क्या है परेशानी
इमरजेंसी वार्ड में नया एक्सरे यूनिट को अब चालू करने के लिए 50 केवीए का वोल्टेज एस्टेबलाइजर की आवश्यकता बतायी गयी. मशीन के इंजीनियर ने डीएमसीएच के प्रशासन को सलाह दिया है कि वोल्टेज एस्टेबलाइजर लगायें तब ही मशीन ठीक से काम करेगा. वोल्टेज फलक्चूएट करने के कारण एक्सरे प्लेट ठीक नहीं आ पायेगा. अगर यही कारण था तो बात दो सालों से डीएमसीएच प्रशासन को क्यों नहीं बतायी गयी थी और उद‍्घाटन के अंतिम समय पानी फेर दिया गया.
आपूर्ति के लिए प्रक्रिया शुरू
प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ बालेश्वर सागर ने सोमवार को ठेकेदार को तलब कर एस्टेबलाइजर की आपूर्ति शीघ्र करने का निर्देश दिया. ठेकेदार ने प्रभारी अस्पताल अधीक्षक को बताया कि एक सप्ताह के भीतर इस मशीन की आपूर्ति दिल्ली से हो जायेगी.
डीएम के आदेश पर शुरू हुआ काम : इस वार्ड में नये एक्सरे यूनिट को चालू करने के लिए भवन निर्माण विभाग, मशीन आपूर्तिकर्ता एवं अन्य सामग्रियों को लगाने के लिए जोर-शोर से काम चालू कराया गया. मसलन एसी, फैन, डार्करूम, रोशनदार, रंगरोगन आदि की सुविधाएं दी गयी. यह बुनियादी सुविधाएं 20 अगस्त को मुहैया करा दिया गया था.
अंतिम समय में दिया धोखा : मशीन चालू हालत को लेकर इंजीनियर एक पखवाड़ा से लगे थे. जब इंजीनियर ने मशीन को ओके की सूचना दिया तो जिला प्रशासन की ओर से मरीज के रूम में एडीएम ने 19 अगस्त को इस मशीन का जायजा लेने पहुंच गये. तीन मरीजों के एक्सरे के बाद मशीन नहीं चला और एडीएम का एक्सरे नहीं हो पाया.
दो सालों से लगी है नयी मशीन : 20 लाख की लागत से इस मशीन की आपूर्ति 2014 में हुई थी लेकिन इंस्टालेशन मानक पर नहीं लगने के कारण आपूर्तिकर्ता को क्लीन चिट नहीं दी गयी थी और उसी में यह नया मशीन पड़ा रहा
तीन सालों से ठप है एक्सरे यूनिट : इमरजेंसी वार्ड का एक्सरे यूनिट नये मशीन के अभाव में 2013 से ही ठप है. इस यूनिट का पुराना मशीन बेकाम हो गया था.
कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ बालेश्वर सागर ने बताया कि आपूर्तिकर्ता 26 अगस्त को एस्टेबलाइजर मशीन आपूर्ति करने का वादा किया. मशीन के आपूर्ति के बाद नये यूनिट को मरीजों के लिए खोल दिया जायेगा.

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