दरभंगा : लहेरियासराय के बेता गामी पोखर को इन दिनों आप उसके चारों ओर बने किसी मकान की छत पर चढ़े बगैर नहीं देख सकते. कभी पांच एकड़ जमीन में फैला यह तालाब आज एक छोटे डबरे जैसा दिखता है. आज इसका रकबा मुश्किल से एक एकड़ रह गया होगा. इसकी इस दशा के जिम्मेदार […]
दरभंगा : लहेरियासराय के बेता गामी पोखर को इन दिनों आप उसके चारों ओर बने किसी मकान की छत पर चढ़े बगैर नहीं देख सकते. कभी पांच एकड़ जमीन में फैला यह तालाब आज एक छोटे डबरे जैसा दिखता है.
आज इसका रकबा मुश्किल से एक एकड़ रह गया होगा. इसकी इस दशा के जिम्मेदार इसके चारों तरफ बने निजी अस्पताल और दूसरी इमारतें हैं, जिसने पिछले चार-पांच सालों में इसे लगभग पूरी तरह निगल लिया है. तालाब में जो थोड़ा बहुत पानी बचा है, वह भी अगले साल साल शायद ही नजर आये. क्योंकि वह जमीन भी पूरी की पूरी बिक गयी है. और वहां तेजी से कंस्ट्रक्शन चल रहा है.
एक बाबा सागर दास तालाब है. कुछ महीने पहले जब उसमें कचरा फेंका जा रहा था तो उसे देखने जल पुरुष राजेन्द्र सिंह पहुंचे थे. आज वह तालाब समतल
187 फुट तक नीचे पहंुचा दरभंगा का जल स्तर –
दरभंगा शहर से गायब हो…
मैदान बन चुका है. कई मकानों के पिलर खड़े हो गये हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि पिछले महीने ही यह सब हुआ है. कबरा घाट मोहल्ले में भी एक तालाब हाल के दिनों में समतल ही गया है, दूसरे को आधा भरा जा चुका है और तीसरे में कचरा फेंका जा रहा है. वार्ड 25 में शाही मनसफी में एक तालाब में इन दिनों हर रात ट्रैक्टर से मिट्टी गिरा जा रही है.
और इस खतरनाक खेल को रोकने वाला कोई नहीं. गामी पोखर के नाम से ही जाने वाले एक अन्य पोखरे पर तो कई सालों से एक होटल खड़ा है. तालाबों का यह हाल उस दरभंगा शहर में है जो कभी तालाबों का जिला माना जाता था. पग-पग पोखर यहां की सांस्कृतिक पहचान भी. मगर इन दिनों शहर के लगभग सभी तालाबों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
2016 में भी मिट गया
कई तालाबों का अस्तित्व
तालाबों का शहर दरभंगा
दरभंगा को तालाबों का जिला कहा जाता है. यहां तकरीबन 65 सौ तालाब हैं. जिनमें दो हजार तालाब सरकारी कब्जे में हैं. इनमें से ज्यादातर तालाब 200 से 900 साल पुराने हैं. 1964 में प्रकाशित गजेटियर के मुताबिक दरभंगा में तीन सौ से अधिक तालाब थे. 1989 में प्रो. एसएच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था. उस सर्वे के मुताबिक तब शहर में 213 तालाब थे. उन्होंने उक्त तालाबों का रकबा भी दर्ज किया था, साथ ही एक नक्शा बना कर उसमें तालाबों की स्थिति दिखायी थी. वैसे, यह भी कहा गया था कि हो सकता है कुछ तालाब छूट गये हों.
इस साल नगर निगम ने जानकारी दी है कि शहर में तालाबों और डबरों की कुल संख्या 84 है. हालांकि इसी साल शहर के करीब आधा दर्जन तालाब या तो भरे जा चुके हैं या भरे जा रहे हैं.