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कला की उत्कृष्टता से ओतप्रोत : राणी सती मंदिर

कला की उत्कृष्टता से ओतप्रोत : राणी सती मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को ले 19 से होगा समारोह फोटो संख्या- 20परिचय-मंदिर में बने भव्य नक्काशी दरभंगा : दादी राणी सती के प्रति असीम समर्पित श्रद्धा से ओतप्रोत दादी भक्तों ने नौ वर्ष पूर्व गुल्लोबाड़ा में भव्य मंदिर निर्माण की जो परिकल्पना की थी, वह भव्यतम मंदिर […]

कला की उत्कृष्टता से ओतप्रोत : राणी सती मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को ले 19 से होगा समारोह फोटो संख्या- 20परिचय-मंदिर में बने भव्य नक्काशी दरभंगा : दादी राणी सती के प्रति असीम समर्पित श्रद्धा से ओतप्रोत दादी भक्तों ने नौ वर्ष पूर्व गुल्लोबाड़ा में भव्य मंदिर निर्माण की जो परिकल्पना की थी, वह भव्यतम मंदिर अब पूर्ण होने की है. 21वीं सदी में निर्मित इस मंदिर की कलात्मकता 17वीं-18वीं शताब्दी की नक्काशी को तरोताजा कर देता है. मंदिर के मुख्य द्वार एवं राणी सती दादी के पट पर लकड़ी की नक्काशी तथा विशाल हॉल के तीन दीवारों पर विभिन्न देवताओं के बने अलग-अलग कलात्मक चित्र मंदिर निर्माण कमिटी के समर्पाण् भाव को दर्शाता है. सर्व देवोपासना का अद्भुत संयोग शक्तिधाम के प्रथम तल पर हॉल में प्रवेश करते ही दाहिनी ओर दीवार पर राम दरबार, सांई बाबा, द्वादस ज्योर्तिलिंग, शेषनाग पर विष्णु, श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति,राणी सती दादी एवं वैष्णव देवी की नक्काशी है बायीं ओर दीवार पर राधा-कृष्ण, शिक्षा लेते गणेश, अर्जुन को गीता उपदेश देते श्रीकृष्ण, अग्रसेन महाराज, लक्ष्मी, श्याामा माई एवं सरस्वती की आकृति है. प्रवेश द्वार के पूरब कृष्ण रासलीला एवं पश्चिम में श्री राम दरबार भव्यता में चार चांद लगा रहे हैं. राणी सती-हनुमान व श्याम बाबा की लगेगी प्रतिमा तीन मंदिरों में बीच में दादी राणी सती, दाहिनी ओर हनुमान तथा बांयी ओर श्याम बाबा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. दादी राणी सती दरबार में कोलकाता से मंड मंगाया गया है. इस मंड पर चांदी का परत लगाया जायेगा. जानकारी के अनुसार इसमें करीब 70-75 किलो चांदी लगने का अनुमान है. कोलकाता व मुजफ्फरपुर के कलाकारों ने लगाया चार चांद मुजफ्फरपुर एवं कोलकाता के कलाकार दिन-रात इसे अंतिम रूप देने में लगे हैं. मंदिर में देवताओं के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में अब 10 दिन ही बचे हैं. ऐसी स्थिति में मंदिर निर्माण समिति के सदस्यगण अलग-अलग दायित्वों को पूरा करने में दिन-रात लगे हैं. शक्तिधाम के रूप में दरभंगा के दादी भक्तों ने उत्कृष्ट मंदिर के रूप में जो अमूल्य धरोहर दिया है, यह मिथिलांचल ही नहीं, राज्य के लिए गौरवमयी धरोहर के रूप में याद किया जायेगा. ज्ञात हो कि थानमल चुन्नीलाल दारूका ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए करीब चार कट्ठा जमीन उपलब्ध कराया है.

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