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डॉ नीलमणि- 15 लाख

डॉ जयशंकर प्रसाद- आठ लाख
व्यवसायी शिवजी महतो- पांच लाख
व्यवसायी विजय कुमार- पांच लाख
व्यवसायी निर्मल कुमार सिंह – पांच लाख
ई-लर्निंग समय की मांग : राज्यपाल
दरभंगा : राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आधुनिकतावाद के इस युग में विश्वविद्यालयों के कामकाज का कंप्यूटरीकरण जरूरी है. ई-लाइब्रेरी व ई-लर्निंग समय की मांग है. विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय संस्थानगत मानकों के अनुरूप होना चाहिए. वे बुधवार को लनामिवि के नागेन्द्र झा स्टेडियम व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिक्षा प्रणाली की परिधि से आगे बढते हुए हमें व्यवसायिक शिक्षा पर भी फोकस करना चाहिए. लनामिवि ने इस दिशा में कदम उठाया है, जो सराहनीय है.
विवि के शीर्ष प्रबंधन में उच्च नैतिक आदर्श की जरूरत जताते हुए कहा कि नैक मूल्यांकन मूलभूत ढांचे को ठीक करने के लिए जरूरी है. हर्ष का विषय है कि लनामिवि दूसरी शेष पेज 15 पर
ई-लर्निंग समय
बार नैक से मूल्यांकित एवं प्रत्यायित किया जा चुका है.
महामहिम ने कहा कि पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज में तब्दील हो गयी है. इसलिए हमें तकनीकी दक्षता विकसित करना चाहिए. हमारा प्रबंधन राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है. इसके लिए उन्होंने च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित पाठ्यक्रम की जरूरत बतायी.
संस्कृत विवि में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने कहा कि विश्व के ज्ञान व विज्ञान का संपूर्ण विषय संस्कृत साहित्य में समाहित है. संस्कृत में लिखित वैदिक साहित्य, रामायण व महाभारत आदि ग्रंथ पूरे विश्व में परवर्ती साहित्य की रचना के आधार पर बने हैं व वैज्ञानिकों को उनकी नई खोज में सहायक सिद्ध हुए हैं. कहा कि संपूर्ण भारत में असंख्य भाषाएं प्रचलित हैं, लेकिन उनमेें से संस्कृत ही सांस्कृतिक एकता व अखंडता को सुरक्षित रखने में समर्थ है.
लनामिवि के कार्यक्रम को पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री डॉ मदन मोहन झा ने भी संबोधित किया. प्रतिवेदन लनामिवि के वीसी प्रो. साकेत कुशवाहा ने पेश किया. संचालन कुलसचिव डॉ अजीत कुमार सिंह ने किया. मौके पर प्रो वीसी प्रो. सैयद मुमताजुद्दीन, राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा समेत अन्य मौजूद थे. संस्कृत विवि के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व कुलपति अभिराज राजेन्द्र मिश्र ने भी संबोधित किया. प्रतिवेदन वीसी डॉ देवनारायण झा ने रखा. संचालन कुलसचिव डॉ सुरेश्वर झा ने किया.

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