बदहाल बस स्टैंड से यात्रियों को कब मिलेगी निजात यात्री सुविधा विहीन है कादिराबाद बस स्टैंड परिसर परिसर खाली कराने को विवि प्रशासन तत्पर फोटो संख्या- 09परिचय- कादिराबाद बस स्टैंड की नारकीय स्थिति. दरभंगा. नगम निगम एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के बीच कादिराबाद निजी बस स्टैंड की जमीन को लेकर विगत दो वर्ष से जारी विवाद के कारण यह परिसर यात्री सुविधा विहीन हो गया है. स्टैंड परिसर में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. न यात्री शेड हैं न ही शौचालय-मूत्रालय. शाम होते ही पूरे परिसर में अंधेरा छा जाता है. निगम प्रशासन शीघ्र ही इसके दिल्ली मोड़ पर शिफ्ट होने की उम्मीद में परिसर में कोई विकासात्मक कार्य नहीं करा रहा है. ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय एवं नगर निगम प्रशासन के दो पाटन के बीच यात्रीगण पीसने को विवश हैं. कादिराबाद से बस स्टैंड दिल्ली मोड़ में शिफ्ट करने की संभावना को लेकर नगर निगम प्रशासन इस परिसर में करीब दो वर्ष से कोई विकासात्मक कार्य नहीं करा रहा है. ऐसी स्थिति में जनसुविधा विहीन स्टैंड परिसर में यात्रियों को काफी फजीहत हो रही है. दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन स्टैंड परिसर की जमीन वापस लेने पर अड़ा है. विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि उस जमीन के कारण डब्ल्यूआइटी परिसर का निर्माण कार्य बाधित हो रहा है. इसके कारण विश्वविद्यालय एवं नगर निगम प्रशासन के बीच विगत दो वर्ष से परिसर को खाली करने को लेकर पत्राचार जारी है. नगर निगम इस स्टैंड परिसर के सैरात की बंदोबस्ती करता है. गत वर्ष एक भी बंदोबस्तकर्ता के भाग नहीं लेने के कारण वर्तमान में निगम के कर्मियों द्वारा ही विभागीय वसूली की जा रही है. नाम नहीं छापने की शर्त्त पर कई निगम कर्मियों ने बताया कि परिसर के दुकानदार एवं बसों के इंचार्ज निर्धारित राशि देने में आनाकानी करते हैं. इंचार्जों की शिकायत है कि नगर निगम की ओर से जब जनसुविधा के नाम पर कुछ है ही नहीं, तो सैरात की वसूली क्यों. ज्ञात हो कि सैरात अधिनियम के तहत निर्धारित वार्षिक राशि का 30 फीसदी उसमें विकास मद में खर्च करना है. लेकिन निगम प्रशासन इस स्टैंड परिसर में कुछ भी जनसुविधा के नाम पर खर्च नहीं किया है. इस बाबत पूछे जाने पर नगर आयुक्त नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन से शीघ्र ही इस मुतल्लिक वार्ता की जायेगी. यदि निकट भविष्य में दिल्ली मोड़ स्थित नवनिर्मित बस पड़ाव में शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं होगी तो यहां जनसुविधा संबंधी कार्य करायें जायेंगे. बॉक्स:::::::::::::::::::::::::::::::कब चालू होगा दिल्ली मोड़ का बस स्टैंड आठ महीने से तैयार है परिसर वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने दिल्ली मोड़ पर अंतर्राज्यीय बस स्टैंड बनाने की जब स्वीकृति दी थी तो जिलावासी फूले नहीं समा रहे थे. करीब 14 एकड़ के विशाल परिसर में 2 करोड़ से अधिक की लागत से अत्याधुनिक बस स्टैंड एनएच 57 के किनारे बनाया गया है. प्रशासन एवं सरकार का तर्क यह था कि भारी वाहनों को शहर के भीतर ले जाने पर जाम हो जाता है. इसीलिए जाम से निजात को लेकर दिल्ली मोड़ में प्रशासन ने बस स्टैंड निर्माण की स्वीकृति दी. जून 2015 से स्टैंड परिसर बनकर तैयार है. जिला प्रशासन ने अबतक यह निर्धारित नहीं किया है कि इस स्टैंड परिसर का संचालन कौन करेगा. नगर निगम या कोई अन्य कार्य एजेंसी. वर्तमान में शहर के दरभंगा एवं लहेरियासराय बस स्टैंड नगर निगम के अधीन ही है. ऐसी स्थिति में कादिराबाद बस स्टैंड को बंद कर यदि दिल्ली मोड़ बस स्टैंड को चालू कर उसे नगर निगम को सौंपा जायेगा तो उसके लिए प्रशासन को पत्र जारी करना होगा. जानकारी के अनुसार दिल्ली मोड़ से बेला रेलवे क्रॉसिंग के बीच वर्षों पुराने दो पुल हैं. सिंगल लेन का पुल होने के कारण वहां दिनभर जाम की स्थिति रहती है. यदि दिल्ली मोड़ में बस स्टैंड को चालू करने से पूर्व उन दोनों पुलों को डबल लेन नहीं कराया गया तो जाम की समस्या और गंभीर होगी. इतना ही नहीं, दिल्ली मोड़ से बेला रेलवे गुमटी तक सड़क के दोनों किनारे कहीं भी प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है. वहां बस स्टैंड शिफ्ट करने के बाद देर रात तक यात्रियों एवं ऑटो चलेंगी. इसके लिए सड़क के दोनों किनारे प्रकाश की व्यवस्था आवश्यक है. अब देखना है कि जिला प्रशासन की कबतक इस नये स्टैंड पर नजरें इनायत होती है.
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बदहाल बस स्टैंड से यात्रियों को कब मिलेगी निजात
बदहाल बस स्टैंड से यात्रियों को कब मिलेगी निजात यात्री सुविधा विहीन है कादिराबाद बस स्टैंड परिसर परिसर खाली कराने को विवि प्रशासन तत्पर फोटो संख्या- 09परिचय- कादिराबाद बस स्टैंड की नारकीय स्थिति. दरभंगा. नगम निगम एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के बीच कादिराबाद निजी बस स्टैंड की जमीन को लेकर विगत दो वर्ष से […]
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