राजकीय नलकूप को पानी की दरकार फोटो:::::::::/इपरिचय : धान की फसल चौपट, रबी फसल पर भी ग्रहणप्रतिनिधि, कमतौल : वर्षों से कभी बाढ़ ते कभी सुखाड़ का दंश झेल रहे क्षेत्र के किसानों को इस वर्ष भी सुखाड़ का दंश झेलना पड़ा है़ लेकिन बंद पड़े राजकीय नलकूप को चालू करवाने की दिशा में कोई ठोस प्रयास होता नहीं दिख रहा है़ मौसम की मार एवं अस्त व्यस्त प्रशासनिक महकमा किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है़ इस वर्ष निजी नलकूप से महंगे पटवन के बावजूद धान की फसल चौपट हो गयी है़ अब रबी की खेती पर नलकूपों का ग्रहण लगना तय है़ कृषि विभाग भी रबी महोत्सव आयोजित कर श्री विधि, जीरो टिलेज सहित कई अन्य आकर्षक विधि से खेती करने की सलाह देकर किसानों को माली हालत में सुधार की नसीहत देती है़ लेकिन राजकीय नलकूप को चालू करवाने की दिशा में कोई कारगर प्रयास नहीं कर पाती़ जिससे बारिश के भरोसे खेती की बात सोच कर किसानों का उत्साह ठंडा पड़ जा रहा है़ महंगे निजी नलकूप से पटवन की विवशता से अधिकांश किसान खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं.अनुदानित बीज नहीं मिलने से परेशानीअनुदानित दर पर पर्याप्त मात्रा में गेहूं का बीज नहीं मिलने से किसानों को बुआई करने में कठिनाई हो रही है़ अनुदानित दर पर बीज मुहैया नहीं करवाये जाने से किसानों को बाजार की दुकानों से ज्यादा कीमत चुका कर बीज खरीदना पड़ रहा है़ जिससे किसानों में रोष देखा जा रहा है़ किसान वृजनंदन ठाकुर, राघवेंद्र ठाकुर, पंकज कुमार आदि कई किसानों ने शनिवार को बताया की दो वेरायटी एचडी 2824 तथा पीबीडब्ल्यू 550 गेहूं बीज उपलब्ध करवाया गया था़ एचडी 2824 शुक्रवार को ही समाप्त हो गया़ एकमात्र वेरायटी पीबीडब्ल्यू 550 उपलब्ध है, जो किसान लेना नहीं चाहते है़ं गेहूं लगाने का समय खत्म होता जा रहा है़ किसानों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण हो रहा है़ अजय ठाकुर, शिवराम ठाकुर आदि किसानों ने बताया की वैसे बाजार में गेहूं बीज उपलब्ध है, परन्तु महंगा है. पुराने बोरा पर नया स्टीकर लगाकर बेचा जा रहा है़ ऐसे बीज पर भरोसा करना कितना सार्थक होगा, यह तो समय बतायेगा़ कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जाले प्रखंड मुख्यालय पर गौड़ी शंकर फर्टिलाईजर द्वारा बीज वितरण के लिए बुधवार से एक स्टॉल लगवाया गया है़ जहां दो वेरायटी के ही बीज उपलब्ध थे. पीबीडब्ल्यू 550 वेरायटी 40 किलो के बोरा में है़ जिसे 1272 रुपये कीमत चुकाकर किसान खरीद सकते हैं. बाद में उन्हें 10 रुपये प्रति किलो की दर से यानी एक बोरी पर 400 रुपये बतौर सब्सिडी मिलेगी़ वहीं जीरो टिलेज से खेती के लिए 2020 रुपये जमाकर 40 किलो बीज तथा कई अन्य सामान प्राप्त कर सकते हैं. बाद में संबंधित किसानों को बतौर सब्सिडी 2680 रुपये वापस कर दिये जायेंगे़ बॉक्स::::::::::::::::::::::नहीं शुरू हुई धान की खरीदकिसानों से धान क्रय करने की तिथि 25 नवंबर बीत जाने के पांच दिन बाद किसानों से धान खरीद शुरू नहीं हो सकी है़ लोग खुले बाजार में धान बेचने लगे हैं. किसानों की मानें तो सरकारी क्रय केंद्र में इतने पेच हैं की छोटे-मोटे किसानों का वहां तक पहुंचना मुश्किल होता है़ अधिकतर किसान फसल बेचकर जरूरत पूरी करते हैं, न की बैंक में जमा करते हैं. रबी की खेती के लिए बिचौलिये के हाथ बेचना उनकी मजबूरी है़ शिवराम ठाकुर, सुशील ठाकुर, पंकज कुमार आदि कई किसानों का कहना है की सरकारी क्रय केंद्र संपन्न किसानों के लिए है़ छोटे-मोटे किसान विवश हैं. सरकारी क्रय केंद्र से धान बेचकर मिलने वाली राशि के भरोसे रबी की बुआई की बात सोच भी नहीं सकते़ धन का उठाव कब होगा, राशि कब मिलेगी कोई समय सीमा नहीं होती़ ऐसे में किसान इंतजार करते रहेंगे, उधर रबी की बुआई का समय समाप्त हो जायेगा़ धान की खेती में पूरी ताकत झोंक रखी थी़ महंगे खाद, बीज, खरपतवार और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कर खेती किया था़ धान की फसल मारी गयी़ किसानों को भगवान का साथ चाहिए, सरकार और विभाग के भरोसे खेती कर लेना संभव नहीं हैं.
राजकीय नलकूप को पानी की दरकार
राजकीय नलकूप को पानी की दरकार फोटो:::::::::/इपरिचय : धान की फसल चौपट, रबी फसल पर भी ग्रहणप्रतिनिधि, कमतौल : वर्षों से कभी बाढ़ ते कभी सुखाड़ का दंश झेल रहे क्षेत्र के किसानों को इस वर्ष भी सुखाड़ का दंश झेलना पड़ा है़ लेकिन बंद पड़े राजकीय नलकूप को चालू करवाने की दिशा में कोई […]
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