दरभंगा : प्रकाश पर्व दीपावली से एक दिन पूर्व परंपरानुरूप यम दीपावली मनायी गयी. महिलाओं ने विधिपूर्वक दरिद्रा रूपी यम को घर से बाहर कर दिया. कल 11 नवंबर को विधिवत लक्ष्मी की आगवानी करेंगी. दीपोत्सव के साथ ही लक्ष्मी-गणेश का पूजन होगा. मंगलवार को श्रद्धालुओं का पूरा दिन साफ-सफाई में ही बीत गया. घर का कोना-कोना साफ करने के साथ ही अगल-बगल की गंदगियों को भी लोगों ने साफ कर दिया.
देखते ही देखते घर के सामने कचरे का ढेर लग गया. पूरी सफाई करने के बाद संध्याकाल महिला ने गोबर से तैयार दीये को जलाकर उसे घर से बाहर किया. उल्लेखनीय है कि मिथिला क्षेत्र में दीपावली से एक दिन पूर्व यम दीवाली मनायी जाती है. इस दीये को यम दीप कहा जाता है. महिलाएं घर के प्रत्येक कोने में इस दीप को ले जाकर दिखाती है.
मान्यता है कि जितनी दूर तक इसकी रोशनी जाती है, दरिद्रा रूपी यम भाग जाता है. इसलिए श्रद्धालु महिला इसका विशेष ध्यान रखती है. इस परंपरा के तहत यम दीपाव की शाम घरों से एक साथ महिलाएं यम दीप लेकर निकली. घर के बाहर कचरे के ढेर पर इसे डाल दिया गया. कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली मनाने की पंरपरा है.
इसकी तैयारी भी प्राय: सभी घरों में कर ली गयी. मिट्टी के कुल्हड़ व दीये की सफाई कर रख दिया गया. भगवती के समक्ष जलने वाले घी के दीये की तैयारी कर ली गयी. प्रतीकात्मक कुछ कुल्हड़ भी सहेजकर रख लिया गया. उल्लेखनीय है कि वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण के साथ ही महंगाई व किरोसीन की अनुपलब्धता के कारण दीपावली बलवाबली में परिणत होता जा रहा है.
अधिकांश घरों में अब बिजली-बल्ब के झालड़ से साज-सज्जा की जाती है. एक दिन पूर्व से ही इसकी सतरंगी रोशनी वातावरण को जगमग करने लगी. इधर बच्चों ने पटाखे की खरीदारी की लेकिन इनकी संख्या में काफी कमी नजर आयी. जिन बच्चों ने पटाखे लिये भी, उनमें ज्यादा शोर मचाने वाले पटाखों की संख्या नगण्य थी. फुलझड़ी व अनारकली, राधा चक्की आदि की बिक्री ज्यादा होती नजर आयी. दीपावली की शाम धन-वैभव की देवी लक्ष्मी की आराधना की परंपरा है.
साथ ही गणेश पूजन का भी विधान है. विघ्न विनायक गणेश व लक्ष्मी के पूजन के लिए मूर्ति खरीददारों की बाजार में खासी भीड़ जमा रही. वैसे तो पिछले तीन दिनों से मूर्ति का बाजार गरम है. लेकिन मंगलवार को प्राय: सभी दुकानों पर श्रद्धालु ग्राहकों का तांता लगा रहा.
मालूम हो कि घर में लक्ष्मी पूजन के साथ ही प्रतिष्ठानों में विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. इधर पूजन सामग्री के साथ ही लड्डू दुकानों पर भी भीड़ जमी नजर आयी. ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए जगह-जगह चौकी-बेंच लगा अस्थायी दुकानें भी सजा दी गयी है. सनद रहे कि इस पूजन के प्रसाद में लड्डू का विशेष महत्व है. साथ ही बताशा का भी चलन है.