दवा भंडार में रात को लटकता है ताले दरभंगा. डीएमसीएच के गायनिक वार्ड का दवा भंडार तीन पाली में खोलने की व्यवस्था है, लेकिन दो पाली में ताले लटके नजर आते हैं. सुबह की पाली 8 से 2 बजे तक ही यह दवा भंडार खुली रहती है. इस कारण दो शिफ्टों में आनेवाले मरीजोंं के अधिकांश दवाएं दलालों के भरोसे ही रहती है. फार्मासिस्ट की कमी के कारण शिफ्टों में यह दवा भंडार नहीं खुल पाता है. डीएमसीएच प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की है. इस व्यवस्था के नहीं होने कारण सबसे अधिक परेशानी रात मेें आनेवाले मरीजोंं के पास संकट उत्पन्न हो जाता है. प्रसव या गंभीर मरीजों की दवाओं के लिए परिजनों को रात में गायनिक वार्ड से 6 नाका का चक्कर लगाना पड़ता है या दलालों के चक्कर में मजबूरन फंसना पड़ता है.
दवा भंडार में रात को लटकता है ताले
दवा भंडार में रात को लटकता है ताले दरभंगा. डीएमसीएच के गायनिक वार्ड का दवा भंडार तीन पाली में खोलने की व्यवस्था है, लेकिन दो पाली में ताले लटके नजर आते हैं. सुबह की पाली 8 से 2 बजे तक ही यह दवा भंडार खुली रहती है. इस कारण दो शिफ्टों में आनेवाले मरीजोंं के […]
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