दरभंगा : घोड़ा पर आरुढ़ होकर आयीं मां दुर्गा साल भर तक खुशहाल रहने का आशीर्वाद देकर नरवाहन पर विदा हो गयीं. नौ दिनों तक श्रद्धा के साथ पूजा-आराधना करने के बाद भगवती दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया.
नम आंखों से भक्तों ने मां को विदाई दी. साथ ही अपना आशीर्वाद बनाये रखने की गुहार माता से लगायी. प्रतिमा को जल प्रवाहित करने के लिए जगह-जगह विसर्जन जुलूस निकाला गया.
गाजे-बाजे के साथ निकले इस जुलूस में उत्साही युवकों की टोली झूमते-नाचते चल रही थी. इस दौरान मां शेरावली के जयकारे से वातावरण अनुगूंजित होता रहा. प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आयी. सभी समितियों के साथ पुलिस बल के साथ अधिकारी तैनात थे. इस दौरान कहीं से अप्रिय घटना की सूचना समाचार भेजे जाने तक नहीं थी.
शारदीय नवरात्र प्रतिमा विसर्जन के साथ श्रद्धा के वातावरण में शांति पूर्वक संपन्न हो गया. शक्ति की देवी भगवती दुर्गा की आरधाना में नौ दिनों तक श्रद्धालु डूबे रहे. गत गुरुवार को विजया दशमी तिथि पर विधिवत माता का विसर्जन किया गया. घर में स्थापित मंगल कलश के समीप अाच्छादित जयंती काटने के बाद पूरे परिवार ने इसे माता के प्रसाद स्वरूप अपने सिर पर धारण किया. इसके बाद विधानपूर्वक व्रतियों ने अपना उपवास तोड़ा. इसके साथ ही वातावरण में अनवरत गूंज रहे सप्तशती के मंत्र पर एक वर्ष के लिए विराम लग गया. इस अवसर पर महानवमी के दिन कई लोगों ने हवन कर अनुष्ठान का समापन किया.
दिनभर मची रही धूम
इधर, सार्वजनिक पूजा पंडालों से भी विधिवत प्रतिमा को विसर्जित कर दिया गया. इसका सिलसिला दशमी गुरुवार से ही आरंभ हो गया. मूसा साह स्कूल में स्थापित प्रतिमा को उसी दिन जल प्रवाहित कर दिया गया.
इसके अलावा अन्य कई पूजन स्थल से भी विसर्जन जुलूस निकला. विसर्जन की धूम शुक्रवार को मची रही. प्रात: काल से ही जुलूस निकलने का क्रम शुरू हो गया. पूर्व निर्धारित समय पर पूजा समितियों ने विसर्जन जुलूस निकला.
छलका युवकों का उत्साह
ट्रैक्टर पर माता की प्रतिमा रखकर गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस निकाला गया. इस दौरान माता के भजन पर युवकों की टोली नाचते-झूमते चल रही थी. सिर पर बंधी मां की चुनरी के साथ रंग-बिरंगे गुलाल सने चेहरे में ये टोली खुद ही आकर्षण का केंद्र बनी रही.
इस बीच माता के जयकारे से वातावरण अनुगूंजित होता रहा. इस दौरान जोशीले युवाओं का उत्साह छलकता रहा. कटहलवाड़ी, हसनचक, उर्दू समेत दर्जनों स्थल से निकले जुलूस से वातावरण भक्तिमय बना रहा.