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प्रदेश में नये रोजगार के अवसर का हो सृजन

प्रदेश में नये रोजगार के अवसर का हो सृजन फोटो- 1 से 10 परिचय- छात्र-छात्राओं की तस्वीरदरभंगा : लनामिवि के स्नातक प्रथम ख्ंाड के छात्र जो शायद इस चुनाव में प्रथम वार वोट करेंगे. मतदान के प्रति काफी उत्साहित दिख रहे हैं. इतना ही नहीं वे देश प्रदेश व छात्र एवं युवा की ज्वलंत मुद्दा […]

प्रदेश में नये रोजगार के अवसर का हो सृजन फोटो- 1 से 10 परिचय- छात्र-छात्राओं की तस्वीरदरभंगा : लनामिवि के स्नातक प्रथम ख्ंाड के छात्र जो शायद इस चुनाव में प्रथम वार वोट करेंगे. मतदान के प्रति काफी उत्साहित दिख रहे हैं. इतना ही नहीं वे देश प्रदेश व छात्र एवं युवा की ज्वलंत मुद्दा अतिरिक्त रोजगार सृजन की बात बखूबी रखे है. वे प्रदेश से रोजगार के लिए पलायन कर रहे युवाओं की समस्या पर विचार करते हुए सभी राजनीतिक दलों को रोजगार सृजन करने के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर करने का सुझाव दिया है. जबकि प्रदेश की वर्त्तमान स्थिति सामने है. पहले से स्थापित रोजगार के स्रोत सूखेंे हैं. किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस समस्याओं को उजागर नहीं किये. विशेषकर क्षेत्र की चीनी मिलें जो वर्षों से बंद पड़ी है. उत्पादन ठप है. आज तक किसी भी सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. न तो इसे किसी निजी उद्योगपतियों के जिम्मे दिया न ही सार्वजनिक क्षेत्र मं रखकर उत्पादन का काम शुरु किया. फिर प्रश्न यह उठता है कि अतिरिक्त रोजगार के सृजन के लिए नये सिरे से क्या करें. फिर कर तो बहुत सकते हैं. पर निश्चित रुप से इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरुरी है. मात्र ऋणात्मक राजनीति से यह संभव नहीं है. इसके लिए सकारात्मक सोच विकसित करने की जरुरत भी है.नवटोलिया निवासी छात्र नंद किशोर ने गांव की समस्या जैसे सड़क, नालों की बात करते हैं वहीं वे रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे युवा छात्रों की समस्या के संबंध में कहते है कि क्षेत्र में औद्योगिकरण का सर्वथा अभाव के कारण यचुवा केा काफी कठिनाई हो रही है. इस पर राजनीतिक दलांे को सोचना हेागा. छात्र रंजीत मिश्र ने बताया गंदगी व मच्छरों के प्रकोप की समस्या को बतायात वहीं छात्र युवाओं के रोजगार की समस्या को रखते हुए इसमंे निदान में राजनीतिक दलों की उदासीनता पर नाराजगी जतायी.वही ं छात्रा सोनी कुमारी बताती है कि प्रदेश मेंे सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है. जिसे सभी दलों के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. दलों ने अपने घोषणा पत्र में इसे कहीं कोई जगह देना उचित नहीं समझा है. जबकि बेलौन निवासी छात्र श्रवण कुमार झा ने इस मुद्दे को लेकर वोट बहिष्कार करने तक की बात कही गये.वहीं जोगियारा के आजाद कुमार मंडल का कहना है कि प्रदेश के युवा रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में भटकते हैं जहां उन्हेंे अपमानित होना पड़ता है. बावजूद प्रदेश के किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं जाता है. राजे के निर्भयकांत चौधरी ने सीधे तौर पर इसके लिए दोषी यहां के जनप्रतिनिधियों को पाठ पढाने की बात करते हुए सत्ता परिवर्त्तन की आवश्यकता जताते हैं. वहीं औद्योगिकरण के लिए प्रयास करनेवाले प्रतिनिधियों को उत्साहित करने का सुझाव भी देते हैं.वहीं एकमी घाट के सुनील कुमार ने समस्याओं से जर्जर प्रदेश की हालत पर प्रतिक्रि या देते हुए प्राथमिकता के तौर पर नये रोजगार के अवसर विकसित करने के मुद्दा को दलों द्वारा घोषणा पत्र में शामिल नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं. वहीं औराई के कन्हैया कुमार व विपिन कुमान ने भी इस मुद्दे क ो बड़े ही प्रभावपूर्ण ढंग से उठाया व प्रदेश की प्रगति के लिए इसे मूलमंत्र बताया. वहीं कोठिया के इंद्रजीत कुमार मंडल ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवक भी आज रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों पर निर्भर है. जबकि अपने राज्य मेंे इसकी बेहतर संभावनाएं है. आवश्यकता है नीति निर्धारण व ईमानदारी से उसके कार्यान्वयन की.

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