30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बेलन्योति कल, 20 को खुलेगा मां का पट

बेलन्योति कल, 20 को खुलेगा मां का पट पांचवें दिन हुई स्कन्धमाता की पूजा-अर्चना पंडाल का निर्माण अंतिम चरण में शाम ढलते ही पूजा-पंडालों से निखरने लगी सतरंगी रोशनी फोटो संख्या- 19परिचय- हसनचक पर बिखरी इंद्रधनुषी छटा. दरभंगा. शारदीय नवरात्र में पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया है. कण-कण में दुर्गा सप्तशती के मंत्र […]

बेलन्योति कल, 20 को खुलेगा मां का पट पांचवें दिन हुई स्कन्धमाता की पूजा-अर्चना पंडाल का निर्माण अंतिम चरण में शाम ढलते ही पूजा-पंडालों से निखरने लगी सतरंगी रोशनी फोटो संख्या- 19परिचय- हसनचक पर बिखरी इंद्रधनुषी छटा. दरभंगा. शारदीय नवरात्र में पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया है. कण-कण में दुर्गा सप्तशती के मंत्र घुल गये हैं. चहुंओर से शक्ति की देवी दुर्गा के स्वर ही अनुगूंजित हो रहे हैं. इधर सार्वजनिक पूजा पंडाल का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है. बिजली-बत्ती की सजावट का काम भी समापन की ओर है. शाम ढलते ही पूजा पंडालों से इंद्रधनुषी छटा निखरनी शुरू हो गयी है. अभी से ही यह दृश्य श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रहा है. शनिवार को श्रद्धालुओं ने माता के पांचवें स्वरूप स्कन्धमाता की विधिवत पूजा-आराधना की. परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना कर सप्तशती का पाठ किया. शाम में सांझ दिखाने के लिए नित्य की तरह शनिवार को भी पूजन स्थल पर महिला भक्तों का जमावड़ा लगा रहा. माता के दर्शन को आतुर भक्तो ंकी आकांक्षा 20 अक्टूबर को पूरी होगी. बेलतोड़ी की परंपरा पूर्ण करने के बाद माता का पट भक्तों के लिए खोल दिया गया. इससे पूर्व 19 अक्टूबर को बिल्व निमंत्रण(बेलन्योति) अनुष्ठान किया जायेगा. विधानपूर्वक बेल के वृक्ष के नीचे उसे निमंत्रित किया जायेगा. इसके पश्चात अगले दिन सुबह बेलतोड़ी की रस्म अदा की जायेगी. प्रख्यात ज्योतिषी पंडित कालीकांत मिश्र के अनुसार बेलन्योति के लिए सोमवार को संध्या छह बजे से रात्रि 9 बजे तक मुहुर्त्त उत्तम है. वहीं बेलतोड़ी के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त्त मंगलवार को सुबह 6.15 तक है. उन्होंने बताया कि शास्त्र के अनुसार कौआ के बोलने से पूर्व बेलतोड़ी हो जानी चाहिए. ज्ञातव्य हो कि इस बार अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन 21 अक्टूबर को है. इसलिए महाअष्टमी का व्रत तथा नवमी का हवन दोनों 21 अक्टूबर को ही होगा. इधर पट खुलने का समय निकट आने के साथ ही पूजा समितियों ने साज-सज्जा के कार्य को तेज कर दिया है. पंडाल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. कहीं शिवपुरी की झलक मिलने लगी है तो कहीं बिहार विधानसभा का नजारा उभरने लगा है. रोम का चर्च आकार लेने लगा है तो कैलाश मानसरोवर भी अपनी आकृति में लगभग आ चुका है. बिजली-बत्ती का सजावट का काम भी शुरू हो गया है. हसनचक, भगतसिंह चौक, कटहलबाड़ी, वीणा पाणि क्लब, कादिराबाद, उर्दू बाजार, दोनार, बेंता, अललपट्टी, मोगलपुरा, नाका 6, केएम टैंक, चूनाभट्ठी, सैदनगर सहित अन्य सभी पूजा पंडालों के ईद-गिर्द बिजली बल्ब की झालरें लटका दी गयी है. साथ ही सतरंगी रोशनी बिखरने वाले आकर्षक बल्ब भी सजा दिये गये हैं. शाम ढलते ही पूजन स्थल का नजारा नयनाभिराम हो जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें