25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रएड्स रोगियों के तादाद में आयी कमी

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रएड्स रोगियों के तादाद में आयी कमी\\\\टं३३ी१त्र/र7 सालांें में 6588 एड्स रोगी मिलेमहिलाएं भी पीडि़त हो रही है एड्स सेदरभंगा : जिले में एड्स रोगियों की तादाद घट रही है. डीएमसीएच के एंटी रेट्रोथेरेपी (एआरटी) के एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. वर्ष 2008 से 2010 तक एड्स रोगियों की रिपोर्ट विस्फोटक थी. लेकिन […]

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रएड्स रोगियों के तादाद में आयी कमी\\\\टं३३ी१त्र/र7 सालांें में 6588 एड्स रोगी मिलेमहिलाएं भी पीडि़त हो रही है एड्स सेदरभंगा : जिले में एड्स रोगियों की तादाद घट रही है. डीएमसीएच के एंटी रेट्रोथेरेपी (एआरटी) के एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. वर्ष 2008 से 2010 तक एड्स रोगियों की रिपोर्ट विस्फोटक थी. लेकिन वर्ष 2011 से अबतक ऐसे रोगियों की संख्या में कमी आयी है. दूसरी ओर महिलाओं में एड्स रोग थमने का नाम नहीं ले रहा. इसकी संख्या जस की तस है. वर्ष 2008 में 305 महिलाओं ने एड्स की पुष्टि हुई थी. इधर 2015 के बीते आठ माह में 149 महिलाएं एड्स रोग से पीडि़त है. जुलाई में 23 महिलाएं व 43 पुरुषों में यह रोग फैल चुका है. एड्स फैलाने का मामला सिर्फ पुरुष व महिलाओं तक ही नहीं थमा है. यह रोग गर्भ में पलने वाले शिशु में भी फैल चुका है. वर्ष 2014 में 200 नवजात में एड्स पाये गये थे. ताजा जांच रिपोर्ट के अनुसार गत अप्रैल में 56 ,मई में 57, जून में 82 व जुलाई में 66 लोगों में एड्स पाया गया. प्रवासी मजदूर लाते हैं सौगातएड्स रोग प्रवासी मजदूर सौगात के रुप मेंे अन्य राज्यों से लातें हैं. अपने घर बार छोड़कर दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने जातें हैं. ऐसे कई मजदूर ऐसे राज्यों में अवैध संबंध बनाते हैं. यही मजदूर जब घर आते हैं तो अपनी पत्नी को भी एड्स रोग फैलाते हैैं.कमी आने के कारणविशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि लोगों में जागरुकता के कारण एड्स रोगियों की तादाद में कमी आ रही है. इसका दूसरा कारण हरेक जिलों मंे एचआइवी जांच केंद्र और एआरटी केंद्र का खुल जाना. इस कारण ऐसे मरीज उसी जिले मंें जांच व उपचार करा लेते हैं. इसके पूर्व साल 2010 के पूर्व उत्तर बिहार का एकमात्र जांच केंद्र और उपचार केंद्र डीएमसीएच था. कैसे फैलता है एड्सएचआइवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध, दुषित खून व एड्स पीडि़त व्यक्ति के खून चढ़ाने से, दुषित सुई और सीरिंजों के उपयोग से, प्रभावित माता से उसके गर्भ में पल रहे शिशु मेें यह रोग फैलता है. लक्षणगुप्तांगों पर या आसपास लाल चकत्ते निकल आना, जलन या खुजली होना, फोड़े होना, पेशाब करते समय खून निकलना, श्वेत प्रदर तथा पेशाब करने में कठिनाई आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं. नियंत्रण एक से ज्यादा लोगों से संभोग न करें, कंडोम का इस्तेमाल करें, सुरक्षित रक्त चढ़ायें और सुरक्षित सीरिंज का उपयोग करें. इलाज एड्स रोगियों का इलाज की मुफ्त सुविधाएं है. हरेक सरकारी अस्पताल के एआरटी, वीसीटीसी और एनजीओ की ओर से खोले गये केंद्र में मुफ्त जांच, दवा और अन्य मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध है.अन्य सुविधाएंबिहार शताब्दी एड्स पीडि़त कल्याण योजना के तहत राज्य के एड्स पीडि़तों को प्रतिमाह 1500 रुपये भरण पोषण के लिए दिये जाते हैं. उन्हें ही यह सुविधा दी गयी है. जिनका निबंधन एआरटी से है. इसके अलावा प्रभावित बच्चोें को भी परवरिश योजना का लाभ मिलता है.एआरटी के प्रभारी सह मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डा. बीके सिंह ने बताया कि लोगों में जागरुकता और हरेक जिलों में उपचार केंद्र खुलने से इस क्षेत्र में कमी आयी है. अबतक साल दर साल मरीजों की संख्या……………………………………………………..वर्ष एड्स से पीडि़त लोग2008 7862009 14802010 12862011 9762012 5662013 5832014 5192015 सितंबर तक 392

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें