दरभंगा :प्रतिभा अपूर्व वस्तु के निर्माण की शक्ति है. जिनका निर्माण नहीं हुआ है उसे आप सामने रख दें तो उसका औचित्य स्पष्ट नहीं होगा. प्रभात खबर की ओर से दरबार हॉल में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देवनारायण झा ने सोमवार को उक्त बातें कही. कुलपति ने कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि यहां प्रतिभा का सम्मान नहीं होता. इस क्रम में उन्होंने हिंदी के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला एवं मैथिली-हिंदी के कवि नागाजरुन की चर्चा की. उन्होंने कहा कि निराला जैसी प्रतिभा इलाहाबाद की गलियों में खाक छानकर तथा नागाजरुन जैसी प्रतिभा पूरे देश में घूमते हुए मौन हो गया. ऐसी स्थिति में नौनिहालों को प्रोत्साहन देना आवश्यक है.
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सम्मान पा खिले टॉपरों के चेहरे
दरभंगा :प्रतिभा अपूर्व वस्तु के निर्माण की शक्ति है. जिनका निर्माण नहीं हुआ है उसे आप सामने रख दें तो उसका औचित्य स्पष्ट नहीं होगा. प्रभात खबर की ओर से दरबार हॉल में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देवनारायण […]
कुलपति ने अतिथि मातृ एवं पितृ देवो भव की बात कहते हुए उपस्थित छात्र-छात्रओं को विनयशील होकर आत्मसात करने की प्रवृत्ति में वृद्धि करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि गुरु वाक्य में श्रद्धा, सम्मान का भाव रखें. वही विद्या का औचित्य है. उन्होंने कहा कि धन से श्री दुखी नहीं होता लेकिन चरित्रवान बनने के लिए विवेकानंद, राजेंद्र प्रसाद, एपीजे अब्दुल कलाम को आदर्श बनाना होगा.
कुलपति ने प्रभात खबर की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान दौड़ में दूसरों की उत्कृष्टता एवं अच्छे कार्य से लोगों में जलन का भाव होता है. लेकिन इस अखबार ने जन सरोकार जैसे सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए जो सम्मान छात्र-छात्रओं को दिया है, वह उसके जीवन में कई नये आयाम को उत्पन्न करेगी तथा उसके जीवन में उत्तरोत्तर आगे बढ़ने का भाव जागृत होगा. उन्होंने बच्चों के मंगल भविष्य की कामना की.
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